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चमत्कार को नमस्कार

सुरेश सोमपुरा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :230
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9685

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यह रोमांच-कथा केवल रोमांच-कथा नहीं। यह तो एक ऐसी कथा है कि जैसी कथा कोई और है ही नहीं। सम्पूर्ण भारतीय साहित्य में नहीं। यह विचित्र कथा केवल विचित्र कथा नहीं। यह सत्य कथा केवल सत्य कथा नहीं।

  • यह रोमांच-कथा केवल रोमांच-कथा नहीं। यह तो एक ऐसी कथा है कि जैसी कथा कोई और है ही नहीं। सम्पूर्ण भारतीय साहित्य में नहीं। यह विचित्र कथा केवल विचित्र कथा नहीं। यह सत्य कथा केवल सत्य कथा नहीं।
  • किसी भी चमत्कार को चुनौती देना आसान नहीं, आज के युग में प्रत्येक चमत्कारी अपनी दुकान सजाये बैठे हैं, क्या वह वास्तव में आध्यात्मिक शक्ति से युक्त हैं।
  • क्या वह व्यक्ति सचमुच चमत्कार करते थे। क्या वह वास्तव में आध्यात्मिक शक्ति से युक्त थे। क्या वह वास्तव में तन्त्र-मन्त्र के जानकार थे।
  • यह सत्य कथा बताती है कि इन्सान अपनी जिन्दगी को जीये कैसे? क्या आत्मा और परमात्मा से डरकर? भूत प्रेत और धर्म-अधर्म से सिटपिटाकर? या एक नेक इन्सान के रूप में दबंग होकर? निश्चित जानिए यह सत्य कथा अन्त में आपको जीवन जीने के लिए एक नई दिशा देगी।

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