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कविता संग्रह >> कह देना

कह देना

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9580

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९९

तेरी यादों में खो गया हूँ मैं


तेरी यादों में खो गया हूँ मैं
तू है मौजूद, लापता हूँ मैं

तू ख़ुदा है तो नाख़ुदा हूँ मैं
कश्तिये-दिल का आसरा हूँ मैं

उसको किस मुँह से आदमी कहता
ख़ुद को कहता है वो ख़ुदा हूँ मैं

मैं भी प्यासों के काम आता हूँ
तू है दरिया तो मैकदा हूँ मैं

बिन मेरे तुझको कौन पायेगा
तू है मंजिल तो रास्ता हूँ मैं

जानता सब हैं फिर भी जाने क्यूँ
‘क़म्बरी’ पूछता है क्या हूँ मैं

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