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कह देना

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9580

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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें


१०१

वक़्त है ऐसा परिंदा लौट कर आता नहीं


वक़्त है ऐसा परिंदा लौट कर आता नहीं
जो गुज़र जाता है लम्हा ख़ुद को दोहराता नहीं

झुक के हम मिलते है बेशक, गिर के हम मिलते नहीं
यूँ हमारा दिल अना को ठेस पहुँचाता नहीं

साफ़-सुथरी ज़िन्दगी में बाल न पड़ता अगर
आईना दिल का तेरी आँखों से टकराता नहीं

दोस्तो की महफ़िलें हो, चाहे हों तन्हाईयाँ
आपको देखा हैं जब से कुछ हमें भाता नहीं

‘क़म्बरी’ सच्चाई पर चलना तो मुश्किल है मगर
जो भटक जाता है राहें, मंज़िलें पाता नहीं

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