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कविता संग्रह >> उजला सवेरा

उजला सवेरा

नवलपाल प्रभाकर

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :96
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9605

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आज की पीढ़ी को प्रेरणा देने वाली कविताएँ

9605_UjlaSavera_by_NavalPalPrabhakar संसार में कई प्रकार के लोग हैं। कुछ लोग केवल अपने बारे में ही सोचते हैं और कुछ लोगों को पूरे विश्व के बारे में सोचना पड़ता है। जो लोग केवल अपने बारे में सोचते हैं उनके लिए केवल उनका परिवार ही सबकुछ होता है। वो उसी से संबंधित सोचते हैं और आखिर में उन्हीं के साथ अपना जीवन बिता कर इस संसार से अंतिम विदाई ले लेते हैं। उनके लिए केवल उनका परिवार ही रोता बिलखता है। परन्तु जो लोग पूरे समाज, देश या फिर विश्व के बारे में सोचते हैं वे उसके लिए कुछ भी करने को तत्पर रहते हैं। ऐसे लोगों को पूरा समाज, देश या फिर पूरा विश्व जानता है, और उसके अंतिम समय में उसके परिवार के साथ-साथ पूरा विश्व ही श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

काव्यक्रम


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