कहानी संग्रह
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वैनिटी बैगअभिषेक आनन्द
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शुक्रवार व्रत कथागोपाल शुक्ला
इस व्रत को करने वाला कथा कहते व सुनते समय हाथ में गुड़ व भुने चने रखे, सुनने वाला सन्तोषी माता की जय - सन्तोषी माता की जय बोलता जाये आगे... |
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पंचतंत्रविष्णु शर्मा
भारतीय साहित्य की नीति और लोक कथाओं का विश्व में एक विशिष्ट स्थान है। इन लोकनीति कथाओं के स्रोत हैं, संस्कृत साहित्य की अमर कृतियां - पंचतंत्र एवं हितोपदेश। आगे... |
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मूछोंवालीमधुकान्त
‘मूंछोंवाली’ में वर्तमान से दो दशक पूर्व तथा दो दशक बाद के 40 वर्ष के कालखण्ड में महिलाओं में होने वाले परिवर्तन को प्रतिबिंबित करती हैं ये लघुकथाएं। आगे... |
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मनःस्थिति बदलें तो परिस्थिति बदलेश्रीराम शर्मा आचार्य
समय सदा एक जैसा नहीं रहता। वह बदलता एवं आगे बढ़ता जाता है, तो उसके अनुसार नए नियम-निर्धारण भी करने पड़ते हैं। आगे... |
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कुमुदिनीनवल पाल प्रभाकर
ये बाल-कथाएँ जीव-जन्तुओं और बालकों के भविष्य को नजर में रखते हुए लिखी गई है आगे... |
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जयशंकर प्रसाद की कहानियांजयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसाद की सम्पूर्ण कहानियाँ आगे... |
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प्रेमचन्द की कहानियाँ 46प्रेमचंद
प्रेमचन्द की सदाबहार कहानियाँ का सैंतालीसवाँ अन्तिम भाग आगे... |
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प्रेमचन्द की कहानियाँ 45प्रेमचंद
प्रेमचन्द की सदाबहार कहानियाँ का पैंतालीसवाँ भाग आगे... |
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प्रेमचन्द की कहानियाँ 44प्रेमचंद
प्रेमचन्द की सदाबहार कहानियाँ का चौवालीसवाँ भाग आगे... |