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पत्र एवं पत्रकारिता

मीडिया हूं मैं

जयप्रकाश त्रिपाठी

कुछ तो होगा, कुछ तो होगा, अगर मैं बोलूंगा, न टूटे, न टूटे तिलिस्म सत्ता का, मेरे अंदर का एक कायर टूटेगा।

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