उपन्यास
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वापसीगुलशन नन्दासदाबहार गुलशन नन्दा का रोमांटिक उपन्यास आगे... |
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श्रीकान्तशरत चन्द्र चट्टोपाध्यायशरतचन्द्र का आत्मकथात्मक उपन्यास आगे... |
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पिया की गलीकृष्ण गोपाल आबिदभारतीय समाज के परिवार के विभिन्न संस्कारों एवं जीवन में होने वाली घटनाओं का मार्मिक चित्रण आगे... |
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पथ के दावेदारशरत चन्द्र चट्टोपाध्यायहम सब राही हैं। मनुष्यत्व के मार्ग से मनुष्य के चलने के सभी प्रकार के दावे स्वीकार करके, हम सभी बाधाओं को ठेलकर चलेंगे। हमारे बाद जो लोग आएंगे, वह बाधाओं से बचकर चल सकें, यही हमारी प्रतिज्ञा है। आगे... |
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नीलकण्ठगुलशन नन्दा
गुलशन नन्दा का एक और रोमांटिक उपन्यास आगे... |
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नदी के द्वीपसच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेयव्यक्ति अपने सामाजिक संस्कारों का पुंज भी है, प्रतिबिम्ब भी, पुतला भी; इसी तरह वह अपनी जैविक परम्पराओं का भी प्रतिबिम्ब और पुतला है-'जैविक' सामाजिक के विरोध में नहीं, उससे अधिक पुराने और व्यापक और लम्बे संस्कारों को ध्यान में रखते हुए। आगे... |
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कुसम कुमारीदेवकीनन्दन खत्री
रहस्य और रोमांच से भरपूर कहानी आगे... |
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खजाने का रहस्यकन्हैयालालभारत के विभिन्न ध्वंसावशेषों, पहाड़ों व टीलों के गर्भ में अनेकों रहस्यमय खजाने दबे-छिपे पड़े हैं। इसी प्रकार के खजानों के रहस्य आगे... |
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कंकालजयशंकर प्रसाद
कंकाल भारतीय समाज के विभिन्न संस्थानों के भीतरी यथार्थ का उद्घाटन करता है। समाज की सतह पर दिखायी पड़ने वाले धर्माचार्यों, समाज-सेवकों, सेवा-संगठनों के द्वारा विधवा और बेबस स्त्रियों के शोषण का एक प्रकार से यह सांकेतिक दस्तावेज हैं। आगे... |
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देवदासशरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
कालजयी प्रेम कथा आगे... |