ई-पुस्तकें
|
संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारीमन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह आगे... |
|
श्रीकान्तशरत चन्द्र चट्टोपाध्यायशरतचन्द्र का आत्मकथात्मक उपन्यास आगे... |
|
रामप्रसाद बिस्मिल की आत्मकथारामप्रसाद बिस्मिलप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी बिस्मिल जी की आत्मकथा आगे... |
|
प्रेरक कहानियाँकन्हैयालालमनोरंजक और प्रेरणाप्रद बोध कथाएँ आगे... |
|
पिया की गलीकृष्ण गोपाल आबिदभारतीय समाज के परिवार के विभिन्न संस्कारों एवं जीवन में होने वाली घटनाओं का मार्मिक चित्रण आगे... |
|
पथ के दावेदारशरत चन्द्र चट्टोपाध्यायहम सब राही हैं। मनुष्यत्व के मार्ग से मनुष्य के चलने के सभी प्रकार के दावे स्वीकार करके, हम सभी बाधाओं को ठेलकर चलेंगे। हमारे बाद जो लोग आएंगे, वह बाधाओं से बचकर चल सकें, यही हमारी प्रतिज्ञा है। आगे... |
|
परसाई के राजनीतिक व्यंग्यहरिशंकर परसाईराजनीतिक विषयों पर केंद्रित निबंध कभी-कभी तत्कालीन घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए अपने पाठ की माँग करते हैं लेकिन यदि ऐसा कर पाना संभव न हो तो भी परसाई की मर्मभेदी दृष्टि उनका वॉल्तेयरीय चुटीलापन इन्हें पढ़ा ले जाने का खुद में ही पर्याप्त कारण है। आगे... |
|
परिणीताशरत चन्द्र चट्टोपाध्याय‘परिणीता’ एक अनूठी प्रणय कहानी है, जिसमें दहेज प्रथा की भयावहता का चित्रण किया गया है। आगे... |
|
नीलकण्ठगुलशन नन्दा
गुलशन नन्दा का एक और रोमांटिक उपन्यास आगे... |
|
नदी के द्वीपसच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेयव्यक्ति अपने सामाजिक संस्कारों का पुंज भी है, प्रतिबिम्ब भी, पुतला भी; इसी तरह वह अपनी जैविक परम्पराओं का भी प्रतिबिम्ब और पुतला है-'जैविक' सामाजिक के विरोध में नहीं, उससे अधिक पुराने और व्यापक और लम्बे संस्कारों को ध्यान में रखते हुए। आगे... |