उपन्यास
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मनोरमा (उपन्यास)प्रेमचन्द‘मनोरमा’ प्रेमचंद का सामाजिक उपन्यास है। आगे... |
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कायाकल्पप्रेमचन्दराजकुमार और रानी देवप्रिया का कायाकल्प.... आगे... |
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कर्मभूमि (उपन्यास)प्रेमचन्दप्रेमचन्द्र का आधुनिक उपन्यास… आगे... |
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गोदान’ (उपन्यास)प्रेमचन्द‘गोदान’ प्रेमचन्द का सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपन्यास है। इसमें ग्रामीण समाज के अतिरिक्त नगरों के समाज और उनकी समस्याओं का उन्होंने बहुत मार्मिक चित्रण किया है। आगे... |
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ग़बन (उपन्यास)प्रेमचन्दग़बन का मूल विषय है महिलाओं का पति के जीवन पर प्रभाव आगे... |
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दो भद्र पुरुषगुरुदत्त
दो भद्र पुरुषों के जीवन पर आधारित उपन्यास... आगे... |
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धरती और धनगुरुदत्त
बिना परिश्रम धरती स्वयमेव धन उत्पन्न नहीं करती। इसी प्रकार बिना धरती (साधन) के परिश्रम मात्र धन उत्पन्न नहीं करता। आगे... |
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प्रारब्ध और पुरुषार्थगुरुदत्त
प्रथम उपन्यास ‘‘स्वाधीनता के पथ पर’’ से ही ख्याति की सीढ़ियों पर जो चढ़ने लगे कि फिर रुके नहीं। आगे... |
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मैं न मानूँगुरुदत्त
मैं न मानूँ... आगे... |
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सुमतिगुरुदत्तबुद्धि ऐसा यंत्र है जो मनुष्य को उन समस्याओं को सुलझाने के लिए मिला है, जिनमें प्रमाण और अनुभव नहीं होता। आगे... |