लेखक:
जय प्रकाश त्रिपाठी
जयप्रकाश त्रिपाठी तीन दशक तक हिंदी पत्रकारिता एवं साहित्य में समान रूप से सक्रियता। |
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मीडिया हूं मैंजय प्रकाश त्रिपाठी
कुछ तो होगा, कुछ तो होगा, अगर मैं बोलूंगा, न टूटे, न टूटे तिलिस्म सत्ता का, मेरे अंदर का एक कायर टूटेगा। आगे... |