लोगों की राय

जीवनी/आत्मकथा >> शेरशाह सूरी

शेरशाह सूरी

सुधीर निगम

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :79
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10546

Like this Hindi book 0

अपनी वीरता, अदम्य साहस के बल पर दिल्ली के सिंहासन पर कब्जा जमाने वाले इस राष्ट्रीय चरित्र की कहानी, पढ़िए-शब्द संख्या 12 हजार...


 

उद्धरण...

जवाहर लाल नेहरू
शेरशाह अफगान शासकों में सबसे काबिल था। उसने मालगुजारी-प्रथा की ऐसी बुनियाद रखी जिसे बाद में अकबर ने भी अपना लिया और फैलाया।

रशब्रुक विलियम्स
शेरशाह ऐसा प्रशासक था जिसमें मौलिकता थी और जिसने अनजाने ही मुगलों के लिए प्रशासनिक तंत्र का एक ऐसा ढांचा तैयार कर दिया था जिसे मुगल स्वयं बनाने में असमर्थ रहते, भले ही उन्होंने राजतंत्र को एक नए आदर्श में प्रस्तुत करने में सफलता प्राप्त की। 

बाबर
यह अफगान (शेरशाह) छोटी-मोटी परेशानियों से घबराने वाला नहीं है, उसमें महान होने की संभावनाएं हैं। वह बड़ा चतुर है और उसके माथे पर राज-लक्षण दिखाई देते हैं।

माउंट स्टुअर्ट एल्फिंसटन
वह (शेरशाह) एक ऐसा योग्य शासक प्रतीत होता है जिसकी शासन संबंधी योजनाएं क्रांतिकारी और तर्कपूर्ण होने के साथ-साथ अपने उद्देश्य में अत्यंत उदार भी हैं।

आशीर्वादी लाल श्रीवास्तव
शेरशाह उच्चकोटि की रचनात्मक प्रतिभा का व्यक्ति था।

* * *

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book