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अमेरिकी यायावर

योगेश कुमार दानी

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प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :150
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9435

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उत्तर पूर्वी अमेरिका और कैनेडा की रोमांचक सड़क यात्रा की मनोहर कहानी


थोड़ी देर की यात्रा अथवा गैस स्टेशन के बाथरूम का प्रयोग करना एक बात है, जबकि होटल के कमरे के स्नानघर और टायलेट सीट की बात दूसरी है। जब दो लोग कई दिनों तक लगातार एक कमरे अथवा एक ही बाथरूम का प्रयोग करते हैं तो उनके बीच ऐसी समस्यायें खड़ी होने की संभावना उत्पन्न हो जाती है जो कि कुछ क्षणों के सहयात्रियों में नहीं होती। इसका एक कारण यह भी है, कि टब या शावर दोनों ही, अधिकतर निजी प्रयोग के लिए ही होते हैं। सार्वजनिक तौर पर बने शावर तो फिर भी ठीक हैं क्योंकि उनमें हमेशा खड़े होकर स्नान किया जाता है, लेकिन टब में स्नान करना थोड़ा कठिन होता है, यदि कोई दिन भर की थकान के बाद टब में पानी भर कर स्नान करना चाहता है, उस स्थिति में अजनबी व्यक्ति के साथ इस बारे में समझौता करना कठिन भी हो सकता है।
असल में पाश्चात्य विधि से बने शौचालय और टब, दोनों ही में आपकी त्वचा का टब या सीट से अधिक संपर्क होता है। इसके विपरीत पुराने प्रकार के भारतीय शौचालय अथवा स्नानघर में अधिक से अधिक पैरों का संपर्क होता है, बाकी का सारा शरीर तो हवा के संपर्क में रहता है न कि टब अथवा सीट आदि के संपर्क में। इसी कारण त्वचा संबंधी बीमारियों का अधिक खतरा नहीं रहता है। मुझे तो इतना फर्क नहीं पड़ता था, परंतु मैं उसकी राय जानना चाहता था।
मेरे प्रश्न के उत्तर में वह बोली, “इस मामले में मुझे अधिक परेशानी नहीं है, वैसे भी यात्रा में किसको टब में लेटकर नहाना होता है, मैं तो अधिकतर शावर का ही इस्तेमाल करूँगी।“ मैं भी उससे सहमत था, घूमने-फिरने के लिए निकला आदमी टब की जरूरत कहाँ महसूस करता है, उसे बस फटाफट नहाना होता है और घूमने निकलना होता है।
लेटने और नहाने की समस्या का हल हो जाने से आगे का रास्ता साफ हो गया। मुझे भी लगने लगा कि शायद काम चल जायेगा। मैंने उसे कहा, “आप और भी सोच लें कि आपको रास्ते के लिए और क्या चाहिए होगा। क्योंकि, एक बार सड़क पर निकल जाने के बाद यदि किसी सामान की आवश्यकता पड़ी,  तब तो उसे खरीदना ही पड़ेगा।“ चूँकि हम कार से जाने वाले थे, इसलिए वजन ले जाने की सीमा हवाई जहाज की यात्रा जैसी नहीं थी, हम कार के ट्रंक में आ सकने वाला सामान तो अपने घर के सामान में से ही ले जा सकते थे, परंतु ऐसी चीजों के बारे में पहले से सोचना आवश्यक था। इसके अलावा विशेष जरूरत की चीजें पिछली सीट पर भी रखी जा सकती थीं। 

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where i get full story of this book

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where to find full book

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Very good romantic novel

Gd Mehra

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