लोगों की राय

मूल्य रहित पुस्तकें >> अमेरिकी यायावर

अमेरिकी यायावर

योगेश कुमार दानी

Download Book
प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :150
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9435

Like this Hindi book 4 पाठकों को प्रिय

230 पाठक हैं

उत्तर पूर्वी अमेरिका और कैनेडा की रोमांचक सड़क यात्रा की मनोहर कहानी


हमारी प्रगति काफी धीमी थी क्योंकि चप्पू के तारतम्य में गड़बड़ हो जाने से बार-बार हमारी नाव एक ही जगह चक्कर खाने लगती थी। लगभग दो घंटे तक नदी में आगे पीछे घूमते हुए हम सैर करते रहे। उसके बाद थक जाने के कारण नाव वापस ले आए और पिकनिक क्षेत्र में बैठकर कुछ आराम किया और अपने सीरियल बार और फल आदि खाये।  
लगभग दोपहर के चार बजे के आस-पास वहाँ से निकल कर हम पुनः दक्षिण दिशा की ओर चल पड़े। मैंने सोचा था कि पार्क में बहुत लोग आते होंगे, परंतु हमारी अपेक्षा के विपरीत हमें बहुत लोग नहीं दिख रहे थे, शायद इसका कारण यह रहा हो कि आज रविवार की दोपहर खत्म हो रही थी और अधिकांशतः लोग शनिवार को आना अधिक पसंद करते होंगे। अब हमारा इरादा हाइकिंग की ट्रेल पर जाने का था।
सूचना केन्द्र के कर्मचारी ने कुछ ट्रेलों (पहाड़ी रास्तों) के नाम बताए थे, जिनमें से मुझे कापरमाइन ट्रेल का नाम याद रह गया। मानचित्र में ट्रेल को खोजा तो मालूम हुआ कि उसके लिए अब हमें दक्षिण दिशा में जाना होगा। यह ट्रेल पोक्सोनो एक्सेस के पास ही थी। वहाँ पहुँचकर हमने अपनी कार पार्किंग एरिया में छोड़ी, अपनी पानी की बोतलें और अपने लैपटाप बैग्स जिन्हें हम आज खाने पीने का सामान आदि रखने के लिए प्रयोग कर रहे थे उन्हें लेकर ट्रेल के निर्देशों का अनुसरण करते हुए कापरमाइन ट्रेल पर चलने के लिए तैयार हुए। परंतु तभी मेरी एन ने कहा कि यह ट्रेल लगभग 8 मील लंबी है, और दिन-भर चलते रहने के कारण इतनी लंबी ट्रेल पर जाने में और अधिक थकान हो जायेगी। यह सोचकर हमने रेड डॉट ट्रेल पर जाने का निर्णय लिया जो कि छोटी थी।  
रेड डॉट ट्रेल डनफील्ड पार्किंग से आरंभ होती है और उत्तर दिशा की ओर जाती हुई ब्लू डॉट ट्रेल में मिल जाती है। यह टममे पर्वत पर जाकर ब्लू डॉट ट्रेल से मिलती है। इसकी लंबाई लगभग 1.5 मील की है, हमने सोचा कि यदि डेढ़ मील की चढ़ाई हमें कम लगी तो पर्वत पर पहुँचने के बाद हम वहाँ से ब्लू डॉट पर उतरेंगे फिर वापस ब्लू डॉट पर आकर टममे पर्वत से पुनः रेड डॉट ट्रेल से लेकर पर्वत से उतर आयेंगे। हम कुछ थके हुए तो थे, पर अभी उत्साह में कोई कमी नहीं आई थी। मैंने मेरी एन से कहा कि यदि थकान लगी तो वापस लौट लेंगे। वैसे भी हमारी नौका यात्रा ने आज की भ्रमण की इच्छा लगभग पूरी कर दी थी। मुझे हाइकिंग करने की इच्छा तो बहुत थी, पर उसके मौके आगे एकेडिया पार्क में भी मिल सकते थे। हमारे अभी तक के कार्यक्रम के अनुसार मैं अपनी पर्वत भ्रमण की इच्छा कहीं भी पूरी कर सकता था। इस ट्रेल से जाने पर हम लगभग 1250 फीट की उँचाई तक चढ़ने वाले थे।  
ट्रेल पर चलना आरंभ करने के कुछ ही क्षणों में हमें सामने से एक महिला और दो पुरुष आपस में बातें करते हुए आते दिखे। वे अपने पैरों में हाइकिंग के जूते डाले हुए थी और अपनी पीठों पर ऐसे बैग लेकर चल रहे थे जिनमें कैम्पिंग की आवश्यकता की लगभग सभी चीजें आराम से ले जाई जा सकती हैं। उनकी आपसी भाषा डच या जर्मन जैसी सुनने में आई। मैंने मेरी एन से पूछा, “क्या ये लोग फ्रेंच में बात कर रहे थे?” तो उसने बताया,  “नहीं, ये फ्रेंच न होकर संभवतः स्वीडिश भाषा थी।“ उसे भी निश्चय नहीं था। मेरी एन की बात शायद सही थी। उन सभी की ऊँचाई 6 फीट से ऊपर ही थी, जो कि उनके जर्मन या स्वीडिश होने को साबित करती थी। मेरी एन की बात सुनकर मैं सोचने लगा, इंसान कहाँ-कहाँ घूमता रहता है। मैं स्वयं भारत से आकर यहाँ पहाड़ी चढ़ रहा हूँ, मेरी एन फ्रांस से आई है, और ये लोग स्वीडन से! कभी गर्मी की तपती धूप और कभी बादलों की छाँव में हम मजे से पहाड़ की चढ़ाई पर चढ़ रहे थे।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

Narendra Patidar

सड़क यात्रा में प्रेम - फूस और चिंगारी

Anshu  Raj

Interesting book

Sanjay Singh

america ke baare mein achchi jankari

Nupur Masih

Nice road trip in America

Narayan Singh

how much scholarship in American University

Anju Yadav

मनोरंजक कहानी। पढ़ने में मजा आया

MANOJ ANDERIYA

Is it easy make girl friends in America

Abhishek Sharma

where i get full story of this book

Shivam  Soni

मस्त कहानी

SUNIL PANDEY

where to find full book

Sanjay Nagpal

Very good romantic novel

Gd Mehra

Thank you giving this book for free