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अमेरिकी यायावर

योगेश कुमार दानी

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प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :150
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9435

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उत्तर पूर्वी अमेरिका और कैनेडा की रोमांचक सड़क यात्रा की मनोहर कहानी


जिसे ये लोग काटी रोल कह रहे थे, वह असल में एक पराठा था जिसके बीच में थोड़ी सब्जी लिपटी हुई थी। बहुत दिनों बाद असली उत्तर भारतीय खाना खाने को मिला। यूनिवर्सिटी के पास जिन दो भारतीय रेस्तराँ में खाना खाने मैं जाता हूँ, वे दोनो ही बाँगलादेशी लोग चलाते हैं, और उनके रसोइये भी शायद कहीं और के हैं, इसलिए उनके भोजन में उत्तर भारतीय खाने जैसा स्वाद नहीं आता।
आज का दिन वाकई काफी अच्छा चल रहा था। खाना मुझे तो अत्यंत स्वादिष्ट लगा। मैंने मेरी एन से पूछा, “भोजन आपको कैसा लग रहा है?” मुझे आश्चर्य चकित करते हुए वह बोली, “मैं स्वयं अपने आप पर आश्चर्य चकित हूँ कि मुझे भारतीय खाना इतना अधिक पसंद आ रहा है। तुम तो जानते ही हो कि हम लोग अधिक मसाले वाला भोजन नहीं करते हैं, मुझे अपनी इस नई खोज पर मुझे स्वयं अपने ऊपर आश्चर्य हो रहा है।”
भोजन करने के बाद हम दोनों धीरे-धीरे टहलते हुए दक्षिण दिशा की ओर चल पड़े। सोमवार की दोपहर काम पर निकले हुए सभी लोग अपनी-अपनी दिनचर्या में व्यस्त थे। सबसे पहले हम एम्पायर स्टेट बिल्डिंग पहुँचे। वहाँ टिकट लेकर उपर जाने वाले लोगों की लाइन में लग गये। एम्पायर स्टेट बिल्डिंग में दर्शक दीर्घायें 86 वीं मंजिल पर और 102 वीं मंजिल पर हैं। लाइन में खड़े हुए इंतजार करने के बाद हमारी बारी चौथी या पाँचवी बार में आ पाई। लगता है कि गर्मियों में हमारी तरह बहुत से सैलानी आते हैं। हमारे साथ लिफ्ट में जाने वाले लोगों में कुछ तो हमारी तरह ही अमेरिका के दूसरे प्रांतों से आये हुए थे, परंतु लगभग आधे पर्यटक योरोप, जापान, कोरिया आदि देशों से भी आये हुए थे। लिफ्ट चालक ने हमें बताया कि यह लिफ्ट काफी तेज गति से जाती है। लगभग 1 मिनट के समय में यह हमें जमीन से लेकर 102 मंजिल तक पहुँचा देती है। हमने देखा कि दर्शक दीर्घा पर जाने वाले लोगों को सभी लिफ्टों में जाने की अनुमति नहीं थी। एक लिफ्ट सीधे 86 वीं मंजिल के लिए जा रही थी और दूसरी लिफ्ट सीधे 102 वीं मंजिल के लिए। एम्पायर स्टेट बिल्डिंग में और लोगों के कार्यालय और व्यापार आदि भी थे। वे सभी लोग अपने कार्यालयों में जाने के लिए दूसरी लिफ्टों का प्रयोग करते हैं, जिनमें सामान्य जनता को जाने की अनुमति नहीं होती। लिफ्ट में चढ़ने से पहले मेटल डिटेक्टर से सभी लोगों की जाँच की जाती है। अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के चलते अब ये सभी बातें बड़ी ही सामान्य लगती है।
102 वीं मंजिल पर बनी दर्शक दीर्घा से न्यूयार्क नगर के एम्पायर स्टेट बिल्डिंग के आस-पास के हिस्सों को देखने का आनन्द लिया, एम्पायर स्टेट इमारत तो काफी ऊँची है, परंतु उसके आस-पास 20 से लेकर 50 या 60 मंजिलों वाली इमारतें भी कई हैं, इसलिए आप अधिक दूर की सड़कों पर नहीं देख सकते हैं। 102 मंजिल की ऊँचाई से कार और बसें तक चींटियों जैसी लगती हैं, आदमियों की तो बात ही क्या! सोमवार की दोपहर सभी अपने-आप में व्यस्त। व्यस्तता में आते-जाते हुए। अचानक मुझे ध्यान आया कि वह जगह यहाँ से अधिक दूर नहीं है जब वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारते और उस विध्वंस से आस पास की कुछ और इमारतें सन 2001 के आतंकवादी हमले में गिरी होंगी। इतनी ऊँचाई से यदि आपको पता भी चल जाये कि पास की इमारत गिर रही है, और आप अपनी सुरक्षा के विचार से नीचे उतरना चाहें तो कितनी हड़बड़ाहट होगी और कितनी कठिनाई भी!
अपने मन में आने वाले ख्यालों को मैने अपने तक ही सीमित रखा। मेरी एन इस जगह के बारे में संभवतः काफी जानती थी। आस-पास देखते हुए वह उत्साहित होकर बोली, “चलो वह जगह देखें, जहाँ यू गॉट मेल फिल्म में टाम हैंक्स और मेग रायन मिले थे।” मैने भी वह फिल्म देखी थी, पर मुझे ध्यान नहीं था कि फिल्म के हीरो और हीरोइन कहाँ मिले थे। परंतु उत्तेजित आवाज में मेरी एन ने मुझे बताया, “याद है मेग रायन हताश होकर बिलकुल जाने वाली थी कि तभी उसे टाम हैंक्स दिखा था।” मैने भरसक प्रयत्न करके अपनी स्मृति में उस फिल्म के चित्रों को बुलाया और मेरी एन की हाँ में हाँ मिलाई। मुझे ठीक से तो याद नहीं था, पर कुछ ऐसा ही हुआ था शायद! मेरी एन बहुत प्रफुल्लित दिख रही थी! एक और स्थान दिखाते हुए आगे वह बोली,  “यहीं पर जब मेग रायन लगभग निराश हो गई थी कि अब टाम हैंक्स नहीं आएगा, तब वे दोनों मिलते हैं। कितना अच्छा द्श्य था वह! “

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