कविता संग्रह >> स्वैच्छिक रक्तदान क्रांति स्वैच्छिक रक्तदान क्रांतिमधुकांत
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स्वैच्छिक रक्तदान करना तथा कराना महापुण्य का कार्य है। जब किसी इंसान को रक्त की आवश्यकता पड़ती है तभी उसे इसके महत्त्व का पता लगता है या किसी के द्वारा समझाने, प्रेरित करने पर रक्तदान के लिए तैयार होता है।
शहीदों
की
स्मृति में लगेंगे रक्त के
मेले,
वतन पर मिटने वालों को यही श्रद्धा सुमन होगा।
वतन पर मिटने वालों को यही श्रद्धा सुमन होगा।
न्यास
संरक्षण
चैव शुश्रूषा च विशेषत:
रक्तदानं श्रेयम् एतत् भाग्येनैवोपजायते
रक्तदानं श्रेयम् एतत् भाग्येनैवोपजायते
(धरोहर का संरक्षण, विशेष रूप से सेवा करने का अवसर एवं रक्तदान का मौका - ये तीनों भाग्य से ही प्राप्त होते हैं।)
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