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कविता संग्रह >> यादें

यादें

नवलपाल प्रभाकर

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :136
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9607

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बचपन की यादें आती हैं चली जाती हैं पर इस कोरे दिल पर अमिट छाप छोड़ जाती हैं।



पीले फूल


सरसों पर फूले
फूल पीले।

फूलों में सुगन्ध
मिट्टी के मृदंग
बजते रहते
हर घर आँगन में।
सरसों पर फूले
फूल पीले।

आँखों में ज्योति
फूलों में बसती
नयन नक्श
प्रकृति से मिलते।
सरसों पर फूले
फूल पीले।

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