लोगों की राय

धर्म एवं दर्शन >> श्री दुर्गा सप्तशती

श्री दुर्गा सप्तशती

डॉ. लक्ष्मीकान्त पाण्डेय

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :212
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9644

Like this Hindi book 3 पाठकों को प्रिय

212 पाठक हैं

श्री दुर्गा सप्तशती काव्य रूप में


।। ॐ श्रीदुर्गायै नम:।।
प्रथम चरित

प्रथम अध्याय : मधु-कैटभ वध

विनियोग- प्रथम चरित के ऋषि ब्रह्मा, देवता महाकाली, छन्द गायत्री, शक्ति नन्दा, वीज रक्तदन्तिका, तत्व अग्नि, स्वरूप ऋग्वेद है। श्रीमहाकाली की प्रीति के लिए प्रथम चरित जप का विनियोग।

ध्यान

कर में लिए कृपान, चक्र, परिघा, धनु जेहिके।
गदा, भुसुण्डी, शूल, शंख, सिर, सोहत तेहिके।।
अभरन अंगहि अंग, त्रिनयना देवि विराजे।
दसबदनी, दसपाद महाकाली मां भ्राजें।।
दिव्य नीलमनि देह दुति, अर्चन ब्रह्मा नित करें।
भजु-भजु मन नित तिन चरन, जो मधु-कैटभ संहरें।।१।।

पीठिका

व्यास-शिष्य जैमिनि भए परमतपी जगख्यात।
मार्कण्ड मुनि से कहा, तप पूरन पश्चात्।।१।।
महाप्राज्ञ मुनिराज तुम, सकल शास्त्र निष्णात।
देवि महातम कहहु प्रभु सुना चहत वृतान्त।।२।।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

Maneet Kapila

Can you plz show any of the अध्याय