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धर्म एवं दर्शन >> श्रीकृष्ण चालीसा

श्रीकृष्ण चालीसा

गोपाल शुक्ल

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :13
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9655

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श्रीकृष्ण चालीसा


जो श्रीकृष्ण चालीसा गावे,
कष्ट उसके निकट न आवें।
दुःख दरद सब होवन दूर,
वह धन धान्य से रहे भरपूर।।39।।

कृष्ण चालीसा अती पियारा,
भुक्ति मुक्ति को देवन हारा।
जय जय जय श्रीकृष्ण अनन्ता,
जय जय जय पूरण भगवन्ता।।40।।

।। इति ।।

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