धर्म एवं दर्शन >> श्रीकृष्ण चालीसा श्रीकृष्ण चालीसागोपाल शुक्ल
|
6 पाठकों को प्रिय 440 पाठक हैं |
श्रीकृष्ण चालीसा
जो श्रीकृष्ण चालीसा गावे,
कष्ट उसके निकट न आवें।
दुःख दरद सब होवन दूर,
वह धन धान्य से रहे भरपूर।।39।।
कृष्ण चालीसा अती पियारा,
भुक्ति मुक्ति को देवन हारा।
जय जय जय श्रीकृष्ण अनन्ता,
जय जय जय पूरण भगवन्ता।।40।।
।। इति ।।