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जीवनी/आत्मकथा >> क्रांति का देवता चन्द्रशेखर आजाद

क्रांति का देवता चन्द्रशेखर आजाद

जगन्नाथ मिश्रा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :147
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9688

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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रशेखर आजाद की सरल जीवनी

भारतीय क्रान्तिकारियों का इतिहास बड़े साहस, त्याग और वीरता का इतिहास है। बहुत से लोगों की धारणा है कि ब्रिटिश सरकार ने हमारी योजनाओं को विफल कर दिया है। यह उनकी भूल है। हमारे दल को और उनके कार्यों को सरकार के द्वारा उतना नहीं, जितना कि हमारे ही लोगों द्वारा आघात पहुंचा है। इसमें प्रमुख हाथ कांग्रेस का है। उसकी अहिंसा की नीति के कारण ही लोगों ने हमारे मार्ग को नहीं अपनाया, क्योंकि उसमें जान जोखिम की बात बहुत ही कम है। नेताओं के ठाठ हैं। जब जेल जाते हैं तो जनता फूल मालायें पहनाकर विदा करती है। वहाँ भी ऊंची श्रेणियाँ मिलती हैं। जेल से बाहर आने पर भी फूलों और जयकारों से उनका स्वागत किया जाता है। यहाँ तो अपने सगे-सम्बन्धी से भी मिलने में भय लगता है। एक बार पुलिस के हाथ पड़ जाने पर फाँसी का तख्ता तैयार रहता है। वह मार्ग हमारे मार्ग से कहीं सरल है। इसीलिए अधिकतर जनता उनके साथ है। फिर भी यह नहीं कहा जा सकता कि उन नेताओं का कुछ त्याग नहीं है। उन्होंने भी देश के लिए बड़े-बड़े कष्ट उठाये हैं। धन की हानि, बच्चों को आर्थिक कष्ट, पुलिस की मार, तरह-तरह की यातनायें, सभी कुछ सहन करना पड़ा है। सच पूछा जाये तो हम जैसे नौजवानों के लिए हमारे मार्ग से वह मार्ग कठिन है। अत्याचार को बिना विरोध किए चुप-चाप सह लेना कोई सरल कार्य नहीं है। मानवीय स्वभाव के अनुसार प्रतिहिंसा की भावना जागृत होना अनिवार्य ही है। उसी हिंसा की भावना को हृदय ही हृदय में दबा लेना भी एक प्रकार की तपस्या ही है। हमारा और इन नेताओं का ध्येय तो एक ही है। केवल अपने-अपने मार्ग का अन्तर है।

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