लोगों की राय

व्यवहारिक मार्गदर्शिका >> हौसला

हौसला

मधुकांत

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :134
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9698

Like this Hindi book 9 पाठकों को प्रिय

198 पाठक हैं

नि:शक्त जीवन पर लघुकथाएं

हौसला


स्वैच्छिक रक्तदान कैम्प में पोलियो ग्रस्त दीनू रक्तदान कर रहा है। पिछले दस वर्ष से वह वर्ष में दो बार स्वतत्रता दिवस व गणतन्त्र दिवस के आसपास रक्तदान अवश्य करता है। उस क्षेत्र में रक्तदान के लिए उसका नाम श्रद्धापूर्वक लिया जाता है।

इस कैम्प में प्रदेश के शिक्षा मन्त्री मुख्य अतिथि हैं। जैसे ही शिक्षा मंत्री रक्तदाताओं को बैज लगाते हुए उसके पास आए तो आश्चर्य मिश्रित खुशी से बोले- 'तुम तो बेटे वैसे ही निःशक्त हो तुम्हें रक्तदान करने की क्या आवश्यकता थी।'

'सर, अनेक लोग मुझ पर उपकार करते है मैं रक्तदान करके उस ऋण को कुछ हल्का करता रहता हूँ- रक्तदाता का चेहरा खुशी से झूम रहा था।

'शाबास बेटे, शाबास, तुम निःशक्त नहीं शक्तिशाली हो। हम सबको आप पर गर्व है'- कहते हुए मंत्री जी आगे चले गए।


० ० ०

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book