लोगों की राय

धर्म एवं दर्शन >> कबीरदास की साखियां

कबीरदास की साखियां

वियोगी हरि

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :91
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9699

Like this Hindi book 10 पाठकों को प्रिय

72 पाठक हैं

जीवन के कठिन-से-कठिन रहस्यों को उन्होंने बहुत ही सरल-सुबोध शब्दों में खोलकर रख दिया। उनकी साखियों को आज भी पढ़ते हैं तो ऐसा लगता है, मानो कबीर हमारे बीच मौजूद हैं।

हमारे देश के भक्त-कवियों में कबीर साहब का स्थान बहुत ऊंचा है। सादगी का जीवन बिताते हुए उन्होंने अध्यात्म की ऐसी धारा बहाई कि आज भी जो उसमें डुबकी लगाता है, वह बड़ी शीतलता अनुभव करता है। जीवन के कठिन-से-कठिन रहस्यों को उन्होंने बहुत ही सरल-सुबोध शब्दों में खोलकर रख दिया। उनकी साखियों को आज भी पढ़ते हैं तो ऐसा लगता है, मानो कबीर हमारे बीच मौजूद हैं। पद्यों का चुनाव और टीका हिन्दी के विख्यात लेखक और संत-साहित्य के मर्मज्ञ श्री वियोगी हरिजी ने की है। गद्य-गीत की शैली में अर्थ होने से पुस्तक का मूल्य और भी बढ़ गया है।

प्रथम पृष्ठ

लोगों की राय

No reviews for this book