लोगों की राय

कविता संग्रह >> संभाल कर रखना

संभाल कर रखना

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :123
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9720

Like this Hindi book 4 पाठकों को प्रिय

258 पाठक हैं

मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह

    

101

जान बाक़ी है अभी जिस्म पे सर बाक़ी है


जान बाक़ी है अभी जिस्म पे सर बाक़ी है।
यानी चाहत में कहीं कोई कसर बाक़ी है।।

आस्माँ छू के न समझो कि मिल गई मंज़िल,
उसके आगे भी अभी और सफ़र बाक़ी है।

लोग जागे हैं मगर घर से निकलते ही नहीं,
जाने क्या ख़ौफ़ है किस बात का डर बाक़ी है।

मौत कतरा के गुज़र जाती है अक्सर हमसे,
गा़लिबन तेरी दुआओं का असर बाक़ी है।

पाँव भी आके कहाँ पर ठहर गये ‘राजेन्द्र’,
चंद क़दमों पे जहाँ से तेरा दर बाक़ी है।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

Abhilash Trivedi

लाजवाब कविताएँ!