लोगों की राय

कविता संग्रह >> संभाल कर रखना

संभाल कर रखना

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :123
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9720

Like this Hindi book 4 पाठकों को प्रिय

258 पाठक हैं

मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह



55

कोशिशें कर लीं, न कर पाया मगर रुसवा मुझे


कोशिशें कर लीं, न कर पाया मगर रुसवा मुझे।
आज़माया लाख उसने मुद्दतों परखा मुझे।।

ख़ामियाँ उसको नज़र आईं हैं शायद इसलिए,
देखने वाले ने काफ़ी दूर से देखा मुझे।

जान भी देता है मुझ पर मेरा दीवाना भी है,
लेकिन उससे बेवफ़ाई का भी है ख़तरा मुझे।

जब भी मुझको देखता है मुस्कुरा देता है वो,
जाने क्या सोचा है उसने, जाने क्या समझा मुझे।

मैं भी दे सकता हूँ उसकी सारी बातों का जवाब,
इसलिए चुप हूँ मेरे इख़लाक़ ने रोका मुझे।

सुब्ह का भूला हूँ मैं आ जाऊँगा घर शाम तक,
वो जो ख़ुद भटका है क्या दिखलायेगा रस्ता मुझे।

है अदालत आपकी जो फ़ैसला दे दीजिए,
वक़्त साबित कर ही देगा एक दिन सच्चा मुझे।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

Abhilash Trivedi

लाजवाब कविताएँ!