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धर्म एवं दर्शन >> श्रीबजरंग बाण

श्रीबजरंग बाण

गोस्वामी तुलसीदास

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :12
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9722

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कष्ट निवारण के लिए गोस्वामीजी द्वारा रचित एक ऐसा सूत्र जो कष्टों को सहने की अदुभुत क्षमता देता है।

9722_SriBajrangBaan_by_GoswamiTulsidas संकटों से मुक्ति पाने का उपाय है, श्रीहनुमान जी की आराधना। श्रीहनुमान जी की आराधना और उपासना करने के लिये गोस्वामी तुलसीदास जी ने कई स्तुतियां की हैं, उनमें से एक है श्रीबजरंग बाण। इसका नित्य पाठ कर कोई भी अपनी मुसीबतों से छुटकारा पा सकता है।

श्रीबजरंग बाण

।।श्रीराम।।

ध्यान

अतुलित    बलधामं   हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं, ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं     वानराणामधीशं
रघुपति प्रियभक्तं वातजातं नमामि।।

।। दोहा।।

निश्चय प्रेम प्रतीत ते, विनय करें सनमान।।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान।।

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