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मूछोंवाली

मधुकान्त

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :149
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9835

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‘मूंछोंवाली’ में वर्तमान से दो दशक पूर्व तथा दो दशक बाद के 40 वर्ष के कालखण्ड में महिलाओं में होने वाले परिवर्तन को प्रतिबिंबित करती हैं ये लघुकथाएं।

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आरक्षण


देश के अधिकांश मुख्य-मुख्य पदों पर महिलाएं नियुक्त हो गयीं। कुछ महिलाएं आरक्षण के कारण तथा कुछ अपनी प्रतिभा के कारण। बेरोजगारी बढ़ने के कारण अधिकतर पुरुष घरों में काम करने लग गए।

अपनी बेबसी का रोना रोते हुए पुरुष संगठित होकर अपने लिए आरक्षण की माँग उठाने लगे परन्तु राजनीति में अधिकतर महिलाओं की भागीदारी थी इसलिए बार-बार संसद में पुरुषों के आरक्षण की माँग ठुकरा दी जाती।

देश के वैज्ञानिक खोज करने में लगे थे कि नारी के स्थान पर पुरुष कैसे बच्चा पैदा करने में सफल हो सकता है।


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