ई-पुस्तकें
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एकाग्रता का रहस्यस्वामी विवेकानन्दएकाग्रता ही सभी प्रकार के ज्ञान की नींव है, इसके बिना कुछ भी करना सम्भव नहीं है। आगे... |
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एक नदी दो पाटगुलशन नन्दा'रमन, यह नया संसार है। नव आशाएँ, नव आकांक्षाएँ, इन साधारण बातों से क्या भय। आगे... |
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धर्मरहस्यस्वामी विवेकानन्दसमस्त जगत् का अखण्डत्व - यही श्रेष्ठतम धर्ममत है मैं अमुक हूँ - व्यक्तिविशेष - यह तो बहुत ही संकीर्ण भाव है, यथार्थ सच्चे 'अहम्' के लिए यह सत्य नहीं है। आगे... |
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भक्तियोगस्वामी विवेकानन्द
स्वामीजी के भक्तियोग पर व्याख्यान आगे... |
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भज गोविन्दम्आदि शंकराचार्य
ब्रह्म साधना के साधकों के लिए प्रवेशिका आगे... |
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भगवान श्रीराम सत्य या कल्पनाश्रीरामकिंकर जी महाराज
साधकगण इस प्रश्न का उत्तर हमेशा खोजते रहते हैं आगे... |
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भगवान श्रीकृष्ण की वाणीस्वामी ब्रह्मस्थानन्द
भगवान श्रीकृष्ण के वचन आगे... |
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भगवान महावीर की वाणीस्वामी ब्रह्मस्थानन्द
भगवान महावीर के वचन आगे... |
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भगवान बुद्ध की वाणीस्वामी ब्रह्मस्थानन्द
भगवान बुद्ध के वचन आगे... |
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अवतरणगुरुदत्त
हिन्दुओं में यह किंवदंति है कि यदि महाभारत की कथा की जायें तो कथा समाप्त होने से पूर्व ही सुनने वालों में लाठी चल जाती है। आगे... |