शब्द का अर्थ
|
अदृष्ट :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो देखा न हुआ हो। २. जो दिखाई न पड़ा हो। ३. गायब। लुप्त। ४. अवैध। ५. अमान्य या अस्वीकृति पुं० १. प्रारब्ध। भाग्य। २. अग्नि, जल आदि का दैवी प्रकोप। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अदृष्ट-कर्मा (र्मन्) :
|
वि० [ब० स०] १. जिसका कर्म या कार्य न देखा गया हो। २. कार्य के अभ्यास या अनुभव से रहित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अदृष्ट-गति :
|
वि० [ब० स०] १. जिसकी गति या चाल समझ में न आवे। २. चालबाज। कूटनीति परायण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अदृष्ट-पूर्व :
|
वि० [दृष्ट-पूर्व, सहसुपा स० न० त०] १. जो पहले न देखा गया हो। २. अद्भुत। विलक्षण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अदृष्ट-फल :
|
वि० [ब० स०] जिसका फल अज्ञात हो। पुं० (कर्म०स०) १. पुण्य-पाप का वह फल जो भविष्य में प्राप्त होने को हो। २. भाग्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अदृष्ट-वाद :
|
पुं० [ष० त०] वह वादा या सिद्धान्त जिसमें पाप-पुण्य आदि का फल परलोक में मिलना माना जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अदृष्टाक्षर :
|
पुं० [अदृष्ट-अक्षर, कर्म०स०] नीबू आदि के रस से लिखे जानेवाले वे अक्षर जो साधारण अवस्था में अदृश्य रहते हैं, परन्तु आँच पर रखने अथवा किसी प्रकार की रासायनिक क्रिया करने पर पढ़ने योग्य हो जाते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अदृष्टार्थ :
|
पुं० [अदृष्ट-अर्थ, ब० स०] न्याय-दर्शन के अनुसार एक प्रकार का शब्द प्रमाण। वि० १. आध्यात्मिक या गूढ़ अर्थ रखनेवाला। २. जिसका ज्ञान इंद्रियों का विषय न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अदृष्टि :
|
वि० [सं० न० ब०] जिसे दृष्टि न हो। दृष्टि-हीन। अंधा। स्त्री० [सं० न० त०] १. दिखाई न पड़ने की अवस्था। अंधता। २. क्रोध, दुर्भाव आदि से युक्त बुरी दृष्टि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अदृष्टिका :
|
स्त्री० [सं० अदृष्टि√कन्-टाप्]=अदृष्टि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |