वि० [सं० न० त०] १. जो विभक्त (कटा, टूटा या बँटा) न हो, अर्थात् पूरा या सम्पूर्ण। २. जिसका विभाजन या बँटवारा न हुआ हो, फलतः संयुक्त। जैसे—अविभक्त संपत्ति, अविभक्त भारत आदि। ३. अपने मूल (शरीर) के साथ लगा या सटा हुआ हो। अभिन्न। ४. जो सर्वत्र एकही रूप में व्याप्त हो। जैसे—अविभक्त आत्मा।