शब्द का अर्थ
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आप्य :
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वि० [सं० आ√आप्+ण्यत्] १. प्राप्त करने या लेने योग्य। २. जो प्राप्त किया जाने को हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
आप्यायन :
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पुं० [सं० आ√प्याय् (वृद्धि)+ल्युट्-अन] १. एक अवस्था से दूसरी अवस्था को प्राप्त होना। जैसे—दूध में खट्टा पदार्थ पड़ने से दही जमना। २. तृप्त करना। ३. वैद्यक में मारी हुई धातु को घी शहद सुहागे आदि से फिर से जीवित करना। ४. कर, विशेषतः जल संबंधी वस्तुओं पर लगनेवाला कर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
आप्याथित :
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भू० कृ० [सं० आ√व्याय्+णिच्+क्त] १. जिसे तृप्त या संतुष्ट किया गया हो। २. आर्द्र। गीला। तर। ३. बढ़ा या बढ़ाया हुआ। परिवर्धित। ४. एक अवस्था से दूसरी अवस्था में पहुँचाया या लाया हुआ। परिवर्तित। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |