शब्द का अर्थ
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ईर :
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स्त्री०=ईढ़।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईरखा :
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स्त्री०=ईर्ष्या।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईरज :
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पुं० [सं० ईर√जन् (उत्पन्न होना)+ड] हनुमान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईरमद :
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स्त्री० [सं० इरम्मद] १. बिजली। २. बिजली में रहने या उसमें लगनेवाली आग। वज्राग्नि।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईराकी :
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वि० पुं० स्त्री० दे० ‘इराकी’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईरान :
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पुं० [फा० मि० सं,० आर्य] [वि० ईरानी] पश्चिमी एशिया का एक प्रसिद्ध देश जिसमें बसनेवाले आर्य अब मुसलमान हो गये हैं। फारस। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईरानी :
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वि० [फा०] ईरान का। पुं०ईरान देश का निवासी। स्त्री० ईरान देश की भाषा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईरित :
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भू० कृ० [सं०√ईर्+क्त] १. आगे ढकेला या बढ़ाया हुआ। २. प्रेरित या प्रोत्साहित। उदाहरण—ऊधौ विधि ईरित भई है भाग-कीरति।...।—घनानंद। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर्षणा :
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स्त्री०=ईर्ष्या।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर्षा :
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स्त्री० [सं०√ईर्ष्य (डाह करना)+अ-टाप्, यलोप]=ईर्ष्या। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर्षालु :
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वि० [सं०√ईर्ष्य्+आलुच्,यलोप]=ईर्ष्यालु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर्षित :
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भू० कृ० [सं० ईर्षा+इतच्] जिससे ईर्ष्या की गई हो। जिसके प्रति किसी को ईर्ष्या हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर्षु :
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वि० [सं० ईर्षा+उण्]=ईर्ष्यालु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर्ष्य :
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वि० [सं०√ईर्ष्य+अच्] जिससे ईर्ष्या या डाह की जा सकती हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर्ष्यक :
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वि० [सं० ईर्ष्य+ण्वुल्-अक] किसी से ईर्ष्या करनेवाला। ईर्ष्यालु। पुं० वैद्यक के अनुसार एक प्रकार का नपुंसक जिसकी कामवासना तब तक उत्तेजित नहीं होती, जब तक वह किसी को संभोग करते हुए न देखे। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर्ष्या :
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स्त्री० [सं०√ईर्ष्य+अ-टाप्] [वि० ईर्ष्यक, ईर्ष्यालु] किसी को अपने से अधिक उन्नत, संपन्न या सुखी देखकर मन में होनेवाला वह कष्ट या जलन जिसके साथ उस व्यक्ति को वैभव सुख आदि से वंचित करके स्वयं उसका स्थान लेने की अभिलाषा लगी रहती है। डाह। (एन्वी)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर्ष्यालु :
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वि० [सं०√ईर्ष्य+आलुच्] मन में किसी के प्रति ईर्ष्या रखनेवाला। ईर्ष्या या डाह करनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर :
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स्त्री०=ईढ़।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईरखा :
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स्त्री०=ईर्ष्या।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईरज :
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पुं० [सं० ईर√जन् (उत्पन्न होना)+ड] हनुमान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईरमद :
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स्त्री० [सं० इरम्मद] १. बिजली। २. बिजली में रहने या उसमें लगनेवाली आग। वज्राग्नि।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईराकी :
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वि० पुं० स्त्री० दे० ‘इराकी’। |
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उपलब्ध नहीं |
ईरान :
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पुं० [फा० मि० सं,० आर्य] [वि० ईरानी] पश्चिमी एशिया का एक प्रसिद्ध देश जिसमें बसनेवाले आर्य अब मुसलमान हो गये हैं। फारस। |
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उपलब्ध नहीं |
ईरानी :
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वि० [फा०] ईरान का। पुं०ईरान देश का निवासी। स्त्री० ईरान देश की भाषा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईरित :
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भू० कृ० [सं०√ईर्+क्त] १. आगे ढकेला या बढ़ाया हुआ। २. प्रेरित या प्रोत्साहित। उदाहरण—ऊधौ विधि ईरित भई है भाग-कीरति।...।—घनानंद। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर्षणा :
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स्त्री०=ईर्ष्या।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर्षा :
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स्त्री० [सं०√ईर्ष्य (डाह करना)+अ-टाप्, यलोप]=ईर्ष्या। |
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समानार्थी शब्द-
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ईर्षालु :
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वि० [सं०√ईर्ष्य्+आलुच्,यलोप]=ईर्ष्यालु। |
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ईर्षित :
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भू० कृ० [सं० ईर्षा+इतच्] जिससे ईर्ष्या की गई हो। जिसके प्रति किसी को ईर्ष्या हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर्षु :
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वि० [सं० ईर्षा+उण्]=ईर्ष्यालु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर्ष्य :
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वि० [सं०√ईर्ष्य+अच्] जिससे ईर्ष्या या डाह की जा सकती हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर्ष्यक :
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वि० [सं० ईर्ष्य+ण्वुल्-अक] किसी से ईर्ष्या करनेवाला। ईर्ष्यालु। पुं० वैद्यक के अनुसार एक प्रकार का नपुंसक जिसकी कामवासना तब तक उत्तेजित नहीं होती, जब तक वह किसी को संभोग करते हुए न देखे। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ईर्ष्या :
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स्त्री० [सं०√ईर्ष्य+अ-टाप्] [वि० ईर्ष्यक, ईर्ष्यालु] किसी को अपने से अधिक उन्नत, संपन्न या सुखी देखकर मन में होनेवाला वह कष्ट या जलन जिसके साथ उस व्यक्ति को वैभव सुख आदि से वंचित करके स्वयं उसका स्थान लेने की अभिलाषा लगी रहती है। डाह। (एन्वी)। |
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समानार्थी शब्द-
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ईर्ष्यालु :
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वि० [सं०√ईर्ष्य+आलुच्] मन में किसी के प्रति ईर्ष्या रखनेवाला। ईर्ष्या या डाह करनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
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