शब्द का अर्थ
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चिति :
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स्त्री० [सं०√चि (चयन करना)+क्तिन्] १. चुनकर लगाने या सजाने की क्रिया या भाव। २. चिता। ३. ढेर। राशि। ४. अग्नि का एक प्रकार का वैदिक संस्कार। ५. यज्ञ में वेदी बनाने की ईटों का एक संस्कार। ६. चेतनता। ७. दुर्गा। |
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समानार्थी शब्द-
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चितिका :
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स्त्री० [सं० चिति√कै (शब्द करना)+क-टाप्] १. करधनी। मेखला। २. दे० ‘चिति’। |
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चितिया :
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वि० [हिं० चित्ती] जिस पर चित्तियाँ या दाग पड़े हों। चित्तीदार। जैसे–चितिया साँप, चितिया हिरन। |
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चितिया-गुड़ :
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पुं० [हिं०] खजूर की चीनी की जूसी से जमाया हुआ गुड़। |
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चिति-व्यवहार :
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पुं० [ष० त०] गणित की वह क्रिया जिसके द्वारा किसी दीवार या मकान में लगनेवाली ईटों आदि की संख्या जानी जाती है। |
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