शब्द का अर्थ
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छींट :
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स्त्री० [सं० क्षिप्त, हिं० छींटना] १. पानी अथवा किसी द्रव पदार्थ का किसी तल से टकराने पर उड़नेवाला छोटा जल-कण या बूँद। २. किसी वस्तु, वस्त्र शरीर आदि पर उक्त जल-कण या बूँद पड़ने से होनेवाला दाग या धब्बा। ३. एक प्रकार का वह कपड़ा जिस पर छापकर बेल-बूटे या फूल पत्तियाँ बनाई गई हों। ४. चित्र कला में चित्रों में बनाये जानेवाले बेल-बूटे या फूल-पत्तियाँ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छींटना :
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स०=छितराना। स०=छिड़कना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छींटा :
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पुं० [संक्षिप्त हिं० छींटना] १. झटके से उछली या उछाली हुई जल अथवा द्रव पदार्थ की बूदें। जैसे–(क) मुँह पर पानी का छींटा देना। (ख) कीचड़ में पत्थर फेंकने से छीटें उड़ना। २. उक्त बूदों के वस्त्र आदि पर पड़ने से होनेवाला धब्बा। ३. हलकी वृष्टि। ४. मुट्ठी में बीज भरकर एक बार में खेत में बिखेरने की प्रक्रिया। ५. बोआई का वह ढंग जिसमें बीज खेत में छींटे जाते हैं। ६. चंडू या मदक की एक मात्रा। दम। ७. किसी को खिन्न या लज्जित करने के लिए कही जानेवाली चुभती हुई व्यग्यपूर्ण बात। |
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