शब्द का अर्थ
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छेंक :
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स्त्री० [हिं० छेकना] १. छेंकने की क्रिया या भाव। २. रोक। पुं०=छेद।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छेंकन :
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स्त्री० [हिं० छेकना] १. छेंकने की क्रिया या भाव। २. वास्तुकला में मकान आदि बनाने से पहले उसके भूमि-तल के संबंध में यह निश्चय या स्थिर करना कि आँगन, कोठरियाँ, बैठक, रसोई आदि विभाग कहाँ-कहाँ रहेंगे। जैसे–इस मकान की छेंछन बहुत अच्छी हुई है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छेंकना :
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स० [हिं० छंद] १. स्थान घेरना। २. विभाग आदि करने के लिए लकीरों से अवकाश घेरना। ३. जानेवाले के सामने खड़े होकर उसे जाने से रोकना। ४. किसी का मार्ग अवरुद्ध करना। मिटाना। ५. किसी के नाम लिखी हुई चीज या रकम लौट आने पर काट कर रद्द करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |