शब्द का अर्थ
|
नाक्षत्र :
|
वि० [सं० नक्षत्र+अण्] १. नक्षत्र संबंधी। २. नक्षत्रों की गति आदि के विचार से जिसका मान निश्चित हो। जैसे–नाक्षत्र दिन, नाक्षत्र मास। पुं० चांद्र मास। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
नाक्षत्र-दिन :
|
पुं० [कर्म० स०] उतना समय जितना चंद्रमा को एक नक्षत्र से दूसरे नक्षत्र तक पहुँचने अथवा एक को एक बार याम्योत्तर रेखा से होकर फिर वहीं आने में लगता है। नाक्षत्र मास का पूरा एक दिन। विशेष–यह ठीक उतना ही समय है जितना पृथ्वी को एक बार अपने अक्ष पर घूमने में लगता है। यह समय कभी घटता-बढ़ता नहीं; सदा एक सा रहता है; इसलिए ज्योतिषी लोग दिन-मान का ठीक और पूरा विचार करने के समय इसी का व्यवहार करते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
नाक्षत्र-मास :
|
पुं० [कर्म० स०] वह समय जितने में चंद्रमा को एक नक्षत्र से चल कर क्रमशः सब नक्षत्रों पर होते हुए फिर उसी नक्षत्र पर आने में लगता है और जो प्रायः २७-२८ दिनों का होता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
नाक्षत्र-वर्ष :
|
पुं० [कर्म० स०] १२ नाक्षत्र मासों का समूह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
नाक्षत्रिक :
|
वि० [सं० नक्षत्र+ठक्–इक] [स्त्री० नाक्षत्रिकी] नक्षत्र संबंधी। नाक्षत्र। पुं० १. नाक्षत्र अर्थात् चांद्रमास। २. छंद शास्त्र में २७ मात्राओं के छंदों की संज्ञा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |