शब्द का अर्थ
|
निर्ग्रंथ :
|
वि० [सं० निर्-ग्रंथ, प्रा० स०] १. निर्धन। गरीब। २. मूर्ख। बेवकूफ। ३. असहाय। ४. दिगंबर। नंगा। पुं० १. वह जो किसी धार्मिक ग्रंथ का अनुयायी न हो; अथवा जिसके पंथ में कोई सर्वमान्य धार्मिक ग्रंथ न हो। २. बौद्ध क्षपणक या भिक्षु। ३. एक प्राचीन मुनि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
निर्ग्रंथक :
|
वि० [सं० निर्ग्रथ+कन्] १. चतुर। २. एकाकी। ३. परित्यक्त। ४. फलहीन। पुं० [स्त्री० निर्ग्रंथिका] १. बौद्ध क्षपणक या संन्यासी। २. जुआरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
निर्ग्रंथिन :
|
पुं० [सं० निर्√ग्रंथ (कौटिल्य)+ल्युट्–अन] वध करना। मारना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
निर्ग्रंथिक :
|
वि० [सं० निर्-ग्रंथि, ब० स०, कप्] क्षपणक। वि०, पुं० [सं०] निर्ग्रंथक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |