शब्द का अर्थ
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निहोर :
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पुं०=निहोरा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
निहोरना :
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अ० [हिं० निहोरा] प्रार्थना या विनती करना। स० किसी पर अनुग्रह करके उसे उपकृत या कृतज्ञ करना। उदा०–सोइ कृपालु केवटहि निहोरे।–तुलसी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
निहोरा :
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पुं० [सं० मनोहार,हिं० मनुहार] १. किसी के किए हुए अनुग्रह या उपकार के बदले में प्रकट की या मानी जानेवाली कृतज्ञता। एहसान। क्रि० प्र०–मानना। मुहा०–(किसी का) निहोरा लेना=ऐसी स्थिति में होना कि कोई उपकार करे और इसके लिए उसका कृतज्ञ होना पड़े। २. निवेदन। विनय। ४. आसरा। भरोसा। क्रि० प्र०—लगना। अव्य० के लिए। वास्ते। दे० ‘निहोरे’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
निहोरे :
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अव्य० [हिं० निहोरा] किसी के किए हुए अनुग्रह या उपकार के आधार पर अथवा उसके कारण। जैसे–हम किस निहोरे उनके यहाँ जाएँ, अर्थात् उन्होंने हमारी कौन सी भलाई या कौन-सा सद्व्यवहार किया है जिसके लिए हम उनके यहाँ जायँ। उदा०–धरहुँ देह नहि आन निहोरे।–तुलसी। |
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समानार्थी शब्द-
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