शब्द का अर्थ
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परंपरा :
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स्त्री० [सं० परम्√पृ (पूर्ण करना)+अच्+टाप्] १. वह व्यवहार जिसमें पुत्र पिता की, वंशज पूर्वजों की और नई पीढ़ीवाले पुरानी पीढ़ीवालों की देखा-देखी उनके रीति-रिवाजों का अनुकरण करते हैं। २. वह रीति-रिवाजी जो बड़ों, पूर्वजों या पुरानी पीढ़ीवालों की देखादेखी किया जाय। ३. नियम या विधान से भिन्न अथवा अनुल्लखित वह कार्य जो बहुत दिनों से एक ही रूप में होता चला आ रहा हो और इसी लिए जो सर्व-मान्य हो। (ट्रैडिशन) ४. संतति। ५. हिंसा। |
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परंपराक :
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पुं० [सं० परम्परा√अक् (कुटिल गति)+ घञ्] यज्ञ के लिए पशुओं का वध, जो पहले परंपरा से होता आ रहा था। |
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परंपरागत :
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वि० [सं० परम्परा-आगत, तृ० त०] (कार्य रीति या रिवाज) जो बड़ों, पूर्वजों या पुरानी पीढ़ीवालों की देखादेखी किया जाय। परंपरा से प्राप्त होनेवाला। (ट्रैडिशनल) |
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परंपरावाद :
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पुं० [सं०] वह मत आ सिद्धान्त कि जो चीजें या बातें परंपरा से चली आ रही हैं, वही ठीक या सत्य हैं; और नई बातें ठीक या सत्य नहीं हैं। (ट्रैडिशनिलिज़्म) |
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परंपरावादी :
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वि० [सं०] परंपरावाद-संबंधी। परंपरावाद का। पुं० वह जो परंपरावाद का अनुयायी और समर्थक हो। |
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