शब्द का अर्थ
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पर्वाना :
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पुं० [फा० पर्वानः] परवाना। (दे०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वानगी :
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स्त्री० [फा०] आज्ञा। अनुमति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वा :
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स्त्री०=परवाह। स्त्री०=प्रतिपदा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वानगी :
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स्त्री०=परवानगी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वाना :
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पुं०=परवाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वावधि :
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स्त्री० [सं० पर्वन्-अवधि, ष० त०] गाँठ। जोड़। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वास्फोट :
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पुं० [सं० पर्वन्-आस्पोट, ष० त०] १. उँगलियाँ चटकाने की क्रिया या भाव। २. उँगलिया चटकाने पर होनेवाला शब्द। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वाह :
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पुं० [पर्वन्-अहन्, ष० त०, टच्] वह दिन जिसमें उत्सव मनाया जाय। पर्व का दिन। स्त्री० [फा० पर्वा] परवाह। (दे०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वाना :
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पुं० [फा० पर्वानः] परवाना। (दे०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वानगी :
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स्त्री० [फा०] आज्ञा। अनुमति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वा :
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स्त्री०=परवाह। स्त्री०=प्रतिपदा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वानगी :
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स्त्री०=परवानगी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वाना :
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पुं०=परवाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वावधि :
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स्त्री० [सं० पर्वन्-अवधि, ष० त०] गाँठ। जोड़। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वास्फोट :
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पुं० [सं० पर्वन्-आस्पोट, ष० त०] १. उँगलियाँ चटकाने की क्रिया या भाव। २. उँगलिया चटकाने पर होनेवाला शब्द। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वाह :
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पुं० [पर्वन्-अहन्, ष० त०, टच्] वह दिन जिसमें उत्सव मनाया जाय। पर्व का दिन। स्त्री० [फा० पर्वा] परवाह। (दे०) |
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समानार्थी शब्द-
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