शब्द का अर्थ
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पिठर :
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पुं० [सं०√पिठ् (क्लेश देना)+करन्] १. मोथा। मुश्तक। २. मथानी। ३. थाली। ४. एक तरह का घर। ५. एक अग्नि का नाम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिठरक :
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पुं० [सं० पिठर+कन्] १. थाली। २. एक नाग। ३. कड़ाही। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिठरक-कपाल :
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पुं० [ष० त०] बरतन का टुकड़ा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिठर-पाक :
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पुं० [ष० त०] भिन्न-भिन्न परमाणुओं के गुणों में तेज के संयोग से होनेवाला फेर-फार। जैसे घड़े का पककर लाल होना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिठरिका :
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स्त्री० [सं० पिठर+कन्+टाप्, इत्व] १. बटलोई। २. हाँड़ी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिठरी :
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स्त्री०=पिठरिका। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिठर :
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पुं० [सं०√पिठ् (क्लेश देना)+करन्] १. मोथा। मुश्तक। २. मथानी। ३. थाली। ४. एक तरह का घर। ५. एक अग्नि का नाम। |
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समानार्थी शब्द-
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पिठरक :
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पुं० [सं० पिठर+कन्] १. थाली। २. एक नाग। ३. कड़ाही। |
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समानार्थी शब्द-
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पिठरक-कपाल :
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पुं० [ष० त०] बरतन का टुकड़ा। |
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समानार्थी शब्द-
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पिठर-पाक :
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पुं० [ष० त०] भिन्न-भिन्न परमाणुओं के गुणों में तेज के संयोग से होनेवाला फेर-फार। जैसे घड़े का पककर लाल होना। |
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समानार्थी शब्द-
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पिठरिका :
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स्त्री० [सं० पिठर+कन्+टाप्, इत्व] १. बटलोई। २. हाँड़ी। |
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समानार्थी शब्द-
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पिठरी :
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स्त्री०=पिठरिका। |
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समानार्थी शब्द-
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