शब्द का अर्थ
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पिन :
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स्त्री० [अं०] धातु की तरह की पतली, नुकीली कील जिसमें कागज नत्थी किये जाते हैं। आलपीन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनक :
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स्त्री० [हिं० पिनकना] १. पिनकने की क्रिया या भाव। २. अफीमची की वह अवस्था जिमसें वह नशे की अधिकता के कारण सिर झुकाकर बैठे रहने की दशा में बेसुध या सोया हुआ सा रहता है। क्रि० प्र० लेना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनकना :
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अ० [हिं० पीनक] १. अफीमची का नशे की हालत में रह-रहकर ऊँघते हुए आगे की ओर झुकना। पीनक लेना। २. अधिक नींद आने के कारण सिर का रह-रहकर झुक पड़ना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनकी :
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पुं० [हिं० पीनक] वह जो अफीमचियों की तरह बैठे-बैठे सोता हो और नीचे की ओर सिर रह-रहकर झुकाता हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनद्ध :
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भू० कृ० [सं० अपि√नह् (बाँधना)+क्त, अकार-लोप] १. कसा या बाँधा हुआ। २. पहना या धारण किया हुआ। ३. छाया ढका या लपेटा हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनपिन :
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स्त्री० [अनु०] १. बच्चों के रह-रहकर रोने पर होनेवाला अनुनासिक और अस्पष्ट शब्द। २. रोगी या दुबले पतले बच्चे के रोने का शब्द। क्रि० प्र०—करना।—लगाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनपिनहाँ :
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वि० [हिं० पिनपिन+हा (प्रत्य०)] १. पिनपिन करनेवाला (बच्चा)। जो हर समय रोया करे। २. प्रायः रोगी रहनेवाला दुबला-पतला (बच्चा)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनपिनाना :
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अ० [हिं० पिनपिन] १. रोते समय नाक से पिनपिन का सा स्वर निकलाना। २. धीरे-धीरे, रुक-रुककर या हिचकियाँ लेते हुए रोना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनपिनाहट :
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स्त्री० [हिं० पिनपिनाना] पिनपिन करने की क्रिया, भाव या शब्द। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनसन :
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स्त्री०=पेंशन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनाक :
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पुं० [सं०√पा (रक्षा करना)+आकन्, नुट्, इत्व] १. शिव का वह धनुष जो श्रीरामचन्द्र ने सीता स्वयंबर में तोड़ा था। अजगव। २. धनुष। ३. त्रिशूल। ४. नीला अभ्रक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनाक-गोप्ता (प्तृ) :
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पुं० [ष० त०] शिव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनाक-धृत् :
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पुं० [सं० पिनाक√घृ (धारण करना)+क्विप्] शिव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनाक-पाणि :
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पुं० [ब० स०] शिव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनाक-हस्त :
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पुं० [ब० स०] शिव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनाकी (किन्) :
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पुं० [सं० पिनाक+इनि] १. पिनाक धारण करनेवाले, महादेव। शिव। २. प्राचीन काल का एक प्रकार का बाजा जिसमें बजाने के लिए तार लगा रहता था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिन्नस :
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स्त्री०=पीनस (रोग)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिन्ना :
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वि० [हिं० पिनपिनाना] प्रायः पिनपिन करने अर्थात् रोता रहने-वाला। पुं० [हिं० पींजना] धुनिया। पुं० [हिं० पिन्नी का पुं०] बड़ी पिन्नी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिन्नी :
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स्त्री० [सं० पिंडी] १. एक प्रकार का लड्डू जो आटे आदि में कई तरह के मसाले और चीनी या गुड़ मिलाकर बनाया जाता है। २. सूत, धागे आदि को लपेटकर गोलाकार बनाया हुआ छोटा पिंड। जैसे—डोर या नग की पिन्नी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिन्यास :
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पुं० [सं० अपि-न्यास, ब० स० अकार-लोप] हींग। |
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समानार्थी शब्द-
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पिन्हाना :
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स०=पहनना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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पिन :
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स्त्री० [अं०] धातु की तरह की पतली, नुकीली कील जिसमें कागज नत्थी किये जाते हैं। आलपीन। |
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पिनक :
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स्त्री० [हिं० पिनकना] १. पिनकने की क्रिया या भाव। २. अफीमची की वह अवस्था जिमसें वह नशे की अधिकता के कारण सिर झुकाकर बैठे रहने की दशा में बेसुध या सोया हुआ सा रहता है। क्रि० प्र० लेना। |
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पिनकना :
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अ० [हिं० पीनक] १. अफीमची का नशे की हालत में रह-रहकर ऊँघते हुए आगे की ओर झुकना। पीनक लेना। २. अधिक नींद आने के कारण सिर का रह-रहकर झुक पड़ना। |
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पिनकी :
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पुं० [हिं० पीनक] वह जो अफीमचियों की तरह बैठे-बैठे सोता हो और नीचे की ओर सिर रह-रहकर झुकाता हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनद्ध :
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भू० कृ० [सं० अपि√नह् (बाँधना)+क्त, अकार-लोप] १. कसा या बाँधा हुआ। २. पहना या धारण किया हुआ। ३. छाया ढका या लपेटा हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनपिन :
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स्त्री० [अनु०] १. बच्चों के रह-रहकर रोने पर होनेवाला अनुनासिक और अस्पष्ट शब्द। २. रोगी या दुबले पतले बच्चे के रोने का शब्द। क्रि० प्र०—करना।—लगाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिनपिनहाँ :
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वि० [हिं० पिनपिन+हा (प्रत्य०)] १. पिनपिन करनेवाला (बच्चा)। जो हर समय रोया करे। २. प्रायः रोगी रहनेवाला दुबला-पतला (बच्चा)। |
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समानार्थी शब्द-
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पिनपिनाना :
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अ० [हिं० पिनपिन] १. रोते समय नाक से पिनपिन का सा स्वर निकलाना। २. धीरे-धीरे, रुक-रुककर या हिचकियाँ लेते हुए रोना। |
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पिनपिनाहट :
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स्त्री० [हिं० पिनपिनाना] पिनपिन करने की क्रिया, भाव या शब्द। |
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पिनसन :
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स्त्री०=पेंशन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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पिनाक :
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पुं० [सं०√पा (रक्षा करना)+आकन्, नुट्, इत्व] १. शिव का वह धनुष जो श्रीरामचन्द्र ने सीता स्वयंबर में तोड़ा था। अजगव। २. धनुष। ३. त्रिशूल। ४. नीला अभ्रक। |
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पिनाक-गोप्ता (प्तृ) :
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पुं० [ष० त०] शिव। |
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पिनाक-धृत् :
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पुं० [सं० पिनाक√घृ (धारण करना)+क्विप्] शिव। |
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पिनाक-पाणि :
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पुं० [ब० स०] शिव। |
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पिनाक-हस्त :
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पुं० [ब० स०] शिव। |
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पिनाकी (किन्) :
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पुं० [सं० पिनाक+इनि] १. पिनाक धारण करनेवाले, महादेव। शिव। २. प्राचीन काल का एक प्रकार का बाजा जिसमें बजाने के लिए तार लगा रहता था। |
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समानार्थी शब्द-
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पिन्नस :
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स्त्री०=पीनस (रोग)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिन्ना :
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वि० [हिं० पिनपिनाना] प्रायः पिनपिन करने अर्थात् रोता रहने-वाला। पुं० [हिं० पींजना] धुनिया। पुं० [हिं० पिन्नी का पुं०] बड़ी पिन्नी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिन्नी :
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स्त्री० [सं० पिंडी] १. एक प्रकार का लड्डू जो आटे आदि में कई तरह के मसाले और चीनी या गुड़ मिलाकर बनाया जाता है। २. सूत, धागे आदि को लपेटकर गोलाकार बनाया हुआ छोटा पिंड। जैसे—डोर या नग की पिन्नी। |
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समानार्थी शब्द-
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पिन्यास :
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पुं० [सं० अपि-न्यास, ब० स० अकार-लोप] हींग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिन्हाना :
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स०=पहनना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |