शब्द का अर्थ
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पृश्नि :
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स्त्री० [सं०√स्पृश् (छूना)+नि०, पृषो० सिद्धि] १. चित्तकबरी गौ। २. किरण। ३. पिठवन। ४. श्रीकृष्ण की माता देवकी का एक नाम। पुं० १. अनाज। २. जल। पानी। ३. अमृत। ४. वेद। ५. एक प्राचीन ऋषि। ६. बौना। वि० १. दुबला-पतला। कृश। २. चितकबरा। ३. सफेद। ५. साधारण। मामूली। |
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पृश्नि-का :
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स्त्री० [सं० पृश्नि=स्वल्प,+क=जल, ब० स०, टाप्] जलकुंभी। |
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पृश्नि-गर्भ :
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पुं० [सं० ष० त०,+अच्] श्रीकृष्ण। |
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पृश्नि-पर्णी :
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स्त्री० [सं० ब० स०+ङीष्] पिठवन लता। |
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पृश्नि-श्रृंग :
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पुं० [सं० ब० स०] १. विष्णु। २. गणेश। |
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