शब्द का अर्थ
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बपंस :
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पुं० [हिं० बाप+सं० अंश] १. पिता की सम्पत्ति में पुत्र को मिलनेवाला अंश। २. वह गुण जो पुत्र को पिता से प्राप्त हुआ माना जाय। |
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समानार्थी शब्द-
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बप :
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पुं० [सं० वप्तृ] बाप। पिता। पुं० वपु। (शरीर)। |
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बपतिस्मा :
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पुं० [अं० बैप्टिज़्म] नव-जात शिशु अथवा अन्य धर्मावम्बी को मसीही धर्म में दीक्षित करते समय होनेवाला एक संस्कार। |
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बपना :
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स० [सं० वपन] वपन करना। बीज बोना। |
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बप-मार :
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वि० [हिं० बाप+मारना] [भाव० बप-मारी] १. जिसने अपने पिता का वध किया हो। २. जो अपने पूज्य और बड़े व्यक्तियों तक का अपकार करने से भी न चुके। बड़ों तक के साथ द्रोह या विश्वास घात करनेवाला। |
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बपु :
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पुं० [सं० बपु०] १. शरीर। देह। २. ईश्वर का शरीरधारी रूप। अवतार। ३. आकृति। रूप। शकल। |
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बपख :
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पुं० [सं० वपुष] देह। शरीर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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बपुरा :
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वि०=बापुरा (बेचारा)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बपौती :
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स्त्री० [हिं० बाप+औती (प्रत्यय)] १. पिता की ऐसी सम्पत्ति जो पुत्र को उत्तराधिकार के रूप में मिली हो, मिलने को हो, अथवा उसे प्राप्य हो। २. वह अधिकार जो किसी को अपने पिता तथा पितृ-पक्ष की सम्पत्ति पर होता है। |
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बप्पा :
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पुं० [हिं० बाप] पिता। बाप। पद—बप्पारे बप्पा-आश्चर्य, दुःख आदि के समय मुँह से निकलनेवाला पद। |
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