शब्द का अर्थ
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बिलंगी :
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स्त्री०=अलगनी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बिलंद :
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वि० [फा० बुंलद] १. जो बुरी तरह पराजित या विफल हुआ हो। २. दे० ‘बुलंद’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बिलंदना :
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वि० [हिं० बिलंदना] १. नष्ट-भ्रष्ट। २. पराजित। ३. भ्रष्ट या हीन चरित्रवाला। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलंब :
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पुं०=बिलंब। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलंबत :
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वि०=विलंबित। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बिलंबना :
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अ० [सं० विलंब] १. बिलंब करना। देर करना। २. ठहरना। रुकना। अ०=विरमना। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलंबी :
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पुं० [?] एक प्रकार का वृक्ष और उसका फल। |
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बिल :
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पु० [सं०√बिल् (भेदन)+क] १. जमीन में, तल से नीचे की ओर गया हुआ वह रेखाकार मार्ग या खाली स्थान जिसे कीड़े-मकोडे चूहों आदि ने अपने रहने के लिए बनाया होता है। मुहावरा—बिल ढूँढ़ते फिरना=अपनी रक्षा का उपाय ढूँढ़ते फिरना। बहुत पेरशान होकर अपने बचने की तरकीब ढूँढना (व्यंग्य) पुं० [अं०] १. वह पुरजा जिसमें उन वस्तुओं का विवरण तथा मूल्य लिखा रहता है जो किसी के हाथ बेची गई हों या उन सेवाओं का विवरण हो जिनका पारिश्रमिक प्राप्य हो। प्राप्यक २. दे० ‘विधेयक’। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलकना :
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अ०=बिलखना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बिलकारी (रिन्) :
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पुं० [सं० बिल√कृ (करना)+णिनि, दीर्घ, नलोप] चूहा। वि० बिल मे रहनेवाला। |
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बिलकुल :
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अव्य० [अ० बिल्कुल] १. जितना हो, उतना सब। कुल। सब। सारा। जैसे—उनका हिसाब बिलकुल साफ कर दिया गया। २. निरा। निपट। जैसे—वह भी बिलकुल बेवकूफ हैं। ३. बिना कुछ भी बाकी छोड़े हुए। ४. कुछ भी। तनिक भी। जैसे—मैंने बिलुकल देखा ही नहीं। |
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बिलखना :
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अ० [सं० विकल या विलाप] १. विलाप करना। रोना। २. रोते अथवा संतप्त होते हुए निरंतर अपने दुःख की चर्चा करना। [?] संकुचित होना। सिकुड़ना। |
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बिलखाना :
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स० [हिं० बिलखना का स०] ऐसा काम करना जिसमें कोई बिलखे। बहुत ही दुःखी या संतप्त करना। अ०=बिवखना। उदाहरण—विकसित कंज कुमुद बिलखाने।—तुलसी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बिलग :
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वि० [हिं० बिलगना] अलग। पृथक्। पुं० १. विलग अर्थात् अलग या पृथक् होने की अवस्था या भाव। पार्थक्य। २. परकीय होने की अवस्था या भाव। परायापन। ३. पार्थक्य आदि के कारण मन में होनेवाला कुभाव या दुर्भाव। उदाहरण—देवि करौ कछु बिनय सो बिलगु मानब।—तुलसी। क्रि० प्र०—मानना। |
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बिलगना :
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अ० [सं० विलग्न] अलग या पृथक् होना। |
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बिलगाऊ :
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वि० [हिं० बिलग+आना (प्रत्यय)] अलग होना। पृथक् होना। दूर होना। स० १. अलग या पृथक् करना। २. चुनना। छाँटना। |
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बिलगाव :
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पुं० [हिं० बिलग+आव (प्रत्यय)] बिलग या अलग होने की अवस्था या भाव। अलगाव। पार्थक्य। |
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बिलगी :
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पुं० [देश०] एक प्रकार का संकर राग। |
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बिलच्छन :
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वि०=विलक्षण। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बिलछना :
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अ० [सं० लक्ष] लक्ष करना। ताड़ना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बिलटना :
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अ० [सं० बिलुटन] १. उलटा या विपरीत होना। उदाहरण—बिधि ही बिलटती दीखती है नियत नरकुल कर्म की।—मैथिलीशरण। २. तहस-नहस होना। विनष्ट होना। ३. परीक्षा प्रयत्न आदि में विफल होना। स०=बिलटना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बिलटाना :
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स० [हिं० बिलटना] १. उलटा या विपरीत करना। २. तहस-नहस या विनष्ट करना। |
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बिलटी :
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स्त्री० [अं० बिलेट] रेल में से जानेवाले माल की वह रसीद जिसे दिखलाने पर पानेवाले को माल मिलता है। |
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बिलना :
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अ० [हिं० बेलना का अ०] बेला जाना। |
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बिलनी :
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स्त्री० [हिं० बिल] १. काली भौरी जो दीवारों या किवाड़ों पर अपने रहने के लिए मिट्टी की बाँबी बनाती है। २. आँख पर होनेवाली गुहांजनी नाम की फुंसी। |
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बिलनपा :
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अ० [सं० विलाप] विलाप करना। रोना। |
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बिल-फर्ज :
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अव्य० [अ०] यह फर्ज़ करते हुए। यह मान कर। |
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बिलफेल :
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अव्य० [अ०] वर्तमान अवस्था में इस समय। अभी। संप्रति। |
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बिलबिलाना :
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अ० [अनु०] १. छोटे-छोटे कीड़ों का इधर-उधर रेगंना। २. विकल होकर बे-सिर पैर की बातें करना। प्रलाप करना। ३. विलाप करना। रोना-चिल्लाना। ४. दे० ‘बलबलाना’। |
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बिलम :
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पुं०=बिलंब। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बिलमना :
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अ० [सं० विलंब] विलंब करना। देर करना। [सं० विरमण] किसी के प्रेम पश में बँधकर कहीं ठहर या रूक जाना। |
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बिलमाना :
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स० [हिं० बिलमना का स०] १. ऐसा काम करना जिससे कोई बिलमे। उदाहरण—भाव बुद्धि के सोपानों में बिलमाये न हृदय मन।—पन्त। स० [सं० विरमण] किसी को अपने प्रेम-पाश में बाँधकर ठहरा या रोक रखना। |
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बिललाना :
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अ० [सं० बिलाना अथवा अनु०] १. बलिखकर रोना। विलाप करना। २. विकल होकर असंब्ध प्रलाप करना। |
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बिलल्ला :
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वि० [हिं० लल्ला (बच्चा) का अनु०] [स्त्री० बिल्ललगी] जिसे कुछ भी बुद्धि या शहूर न हो निरा मूर्ख। |
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बिलवाना :
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स० [हिं० बिलाना का स०] १. विलीन कराना। २. गुम कराना। खोवाना। ३. नष्ट या बरबाद कराना। ४. छिपवाना। लुकवाना। सं० यो० क्रि०—देना। स० [हिं० बेलना का स०] किसी से बेलने का काम कराना। |
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बिलवारी :
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स्त्री० [?] बुदेंलखंड में कुआर में गाया जानेवाला एक प्रकार का गीत। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बिल-वास :
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वि० [सं० ब० स०] दे० ‘बिलकारी’। |
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बिलवासी (सिन्) :
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वि० [सं० बिल√वस् (निवास)+णिनि, दीर्घ, नलोप] दे० ‘बिलकारी’। |
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बिलशय :
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वि० [सं० बिल√शी (शयन करना)+अच्] बिल मे रहनेवाला। |
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बिलशायी (यिन्) :
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वि० [हिं० बिल√शी (शनय करना)+णिनि, दीर्घ, नलोप] बिल में रहने वाला। पुं० बिल मे रहने वाला जन्तु। |
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बिलसना :
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अ० [सं० विलसन] विशेष रूप से शोभा देना। बहुत भला जान पड़ना। स० उपयोग में लाना। भोग करना। भोगना। जैसे—संपत्ति या सुख विलसना। |
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बिलसाना :
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स० [हिं० बिलसना का स०] किसी को बिलसने में प्रवृत्त करना। |
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बिलस्त :
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पुं०=बालिश्त। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बिलहरा :
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पुं० [हिं० बेल] बाँस की पतली तीलियों का बना हुआ एक प्रकार का छोटा डिब्बा जिसमे पान के बीड़े बनाकर रखे जाते हैं। |
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बिला :
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अव्य० [अ०] बिना। बगैर। |
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बिलाई :
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स्त्री० [सं० बिडाल] १. बिल्ली। २. सिटकिनी। ३. संतों की परिभाषा में बुरी बुद्धि। कुबुद्धि। ४. दे० ‘बिलैया’। |
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बिलाई कंद :
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पुं०=बिदारी कंद। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलाना :
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अ० [सं० बिलायन] १. विलीन होना। न रह जाना। २. नष्ट या बरबाद हो जाना। ३. छिपना। लुकना। |
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बिलापना :
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अ० [सं० विलाप] विलाप करना। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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बिलार :
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पुं० [सं० बिडाल] [स्त्री० बिलारी] बिल्ला। मार्जार। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलारी :
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स्त्री०=बिल्ली। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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बिलारी कंद :
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पुं० [सं० बिदारी कंद] एकप्रकार का कंद। दे० ‘बिदारी कंद’। |
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बिलाव :
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पुं० दे० ‘बिलार’। |
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बिलावर :
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पुं०=बिल्लौर। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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बिलावल :
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पुं० [देश] षाड़व-संपूर्ण जाति का एक राग जो रात के पहले पहर में गाया जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलासखानी टोड़ी :
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स्त्री० [बिलास खाँ (व्यक्ति)+हिं० टोड़ी] संगीत में एक प्रकार की टोड़ी रागिनी। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलासना :
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स० [सं० विलसन] १. भोग करना। भोगना। २. विलास या आनन्द-मंगल करना। |
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बिलिंबी :
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स्त्री० [मलाया० बलिंबा] एक प्रकार का कमरख का फल या उसका पेड़। |
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बिलियर्ड :
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पुं० [अं०] एक प्रकार का पाश्चात्य खेल जो लाल, सफेद तथा चितकबरे रंग के तीन गेदों और लंबी छड़ियों की सहायता से एक विशेष आकार-प्रकार की मेज पर खेला जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलिया :
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स्त्री० [देश०] गाय, बैल आदि के गले की एक बीमारी। स्त्री० हिं० बेला (कटोरा) का अल्पा० स्त्री०। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलिश :
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पुं० [?] १. मछली फँसाने का काँटा। २. उक्त में लगाया जाने वाला चारा। |
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बिलुठना :
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अ०=लोटना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बिलुलित :
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वि० [सं० विलुलित] अस्तव्यस्त। उदाहरण— बिलुलित अलक धूरि-धूसर तन, गगन लोट भुव आवनि।—ललित किशोरी। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलूर :
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पुं०=बिल्लौर। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बिलैया :
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स्त्री० [हिं० बिल्ली] १. बिल्ली। पद—बिलैया दंडवत्=केवल दिखाने के लिए बिल्ली की तरह बहुत ही झुककर किया जानेवाला नमस्कार। बिलैया भगत=वह जो केवल दूसरों को दिखाने के लिए भक्तों का सा वेश धारण किये हों। २. लकड़ी का वह छोटा टुकड़ा जो अन्दर से दरवाजा कसने के लिए लगाया जाता है और आवश्यकतानुसार उठाया तथा गिराया जा सकता है। काठ की सिटकिनी। ३. कुएँ में गिरा हुआ बरतन आदि निकालने का काँटा जो प्रायः लोहे का बनता है। ४. कद्दूकश (देखें)। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलोकना :
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स० [सं० बिलोकन] १. अच्छी तरह या ध्यानपूर्वक देखना। २. जाँच-पड़ताल करने के लिए अच्छी तरह देखना। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलोकनि :
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स्त्री० [सं० विलोकन] देखने की क्रिया या भाव। कटाक्ष। दृष्टिपात। |
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बिलोड़ना :
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स०=बिलोना। |
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बिलोन :
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वि० [सं० वि=लावण्य]=बिलोना। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलोना :
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स० [सं० बिलोड़न] १. किसी तरल पदार्थ में कोई चीज डालकर अच्छी तरह मिलाना। २. धंधोलना। ३. चीजें इधर-उधर करना। अस्त-व्यस्त करना। ४. (आँसू) गिराना या बहाना। वि० [हिं० बि+लोन=नाक] [स्त्री० बिलोनी] १. जिसमें नमक न पड़ा हो। बिना नमक का। अलोना। उदाहरण—लोनि बिलोनि तहाँ को कहाँ।—जायसी। २. लावण्य या सौन्दर्य से रहित। कुरूप। भद्दा। ३. नीरस। फीका। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलोरना :
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स०=बिलोना। |
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समानार्थी शब्द-
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बिलोलना :
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अ० [सं० बिलोलन] इधर-उधर लहरें मारना। स० इधर-उधर हिलाना लहराना। |
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बिलोवना :
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स०=बिलोना। |
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बिलौर :
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पुं०=बिल्लौर। |
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समानार्थी शब्द-
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बिल्कुल :
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अव्य०=बिलकुल। |
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समानार्थी शब्द-
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बिल्मुक्ता :
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वि० [अ० बिलमुक्तः] सब फुटकर मदों को मिलाकर एक में किया हुआ। जैसे—आय बिल्मुक्ता सौ रुपए दें, सब हिसाब साफ हो जाएँगे। पुं० मध्ययुग में लगान का वह प्रकार जिसमें सब मदों के लिए एक साथ कुछ निश्चित रकम दे दी जाती थी। |
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समानार्थी शब्द-
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बिल्ला :
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पुं० [स० विडाल] [स्त्री० बिल्ली] बिल्ली का नर। पुं० [सं० पटल] कपड़े आदि की वह चौड़ी पटटी जो कुछ विशिष्ट प्रकार का काम करनेवाले लोग अपनी पहचान के लिए छाती पर लगाते या बाँह पर बाँधते है। जैसे—स्वयं-सेवकों का बिल्ला, कुलियों या चपरासियों का बिल्ला। |
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समानार्थी शब्द-
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बिल्ली :
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स्त्री० [सं० बिड़ाल, हिं० बिलार] १. चीते, शेर आदि की जाति का पर अपेक्षया बहुत ही छोटे आकार का एक प्रसिद्ध जन्तु जो प्रायः घरों में पाला जाता है। मुहावरा—बिल्ली के गले में घंटी बाँधना=किसी काम का सबसे कठिन अंश पूरा या संपादित करना। २. किवाड़ की सिटकिनी जिसे कोढ़े में डाल देने से ढकेलने पर किवाड़ नहीं खुल सकता। ३. भारतीय नदियों में पाई जानेवाली एक प्रकार की मछली। |
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समानार्थी शब्द-
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बिल्ली-लोटन :
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स्त्री० [हिं० बिल्ली+लोटना] एक प्रकार की बूटी जिसकी गंध से बिल्ली मस्त होकर लोटने लगती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बिल्लूर :
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पुं०=बिल्लौर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बिल्लौर :
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पुं० [सं० वैदूर्य़्य, प्रा० बेलुरिय, मि० फा० बिल्लूर] [वि० बिल्लौरी] १. एक प्रकार का स्वच्छ पत्थर जो शीशे के समान पारदर्शी होता है। स्फटिक। (क्रिस्टल) २. उक्त की तरह स्वच्छ और बढ़िया शीशा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बिल्लौरी :
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वि० [हिं० बिल्लौर] १. बिल्लौर-संबंधी। २. बिल्लौर पत्थर का बना हुआ। ३. बिल्लौर की तरह चमकीला सफेद और स्वच्छ जैसे—बिल्लौरी चूड़ियाँ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बिल्व :
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पुं० [सं] बेल का वृक्ष और फल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बिल्वपत्र :
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पुं० [सं] बेल के वृक्ष के पत्ते जो पवित्र मानकर शिवजी पर चढ़ाये जाते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बिल्हण :
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पुं० [सं] कश्मीर का एक प्रसिद्ध कवि जिसने विक्रमांक देव रचित की रचना की थी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |