शब्द का अर्थ
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मरक :
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पुं० [सं०√मृ (मरण)+अप्+कन्] लोक में फैलनेवाला कोई ऐसा घातक या संक्रामक रोग जिसके कारण बहुत से लोग जल्दी मर जाते हैं। मरी। महामारी (ऐपिडेमिक)। स्त्री० [हिं० मरक] १. भेद। रहस्य। २. आकर्षण। खिचाव। ३. मन में दबा रहनेवाला द्वेष या वैर। मुहा०—मरक काढ़ना=बदला लेना। बैर चुकाना। ४. मन की उमंग या हौसला। ५. दे० ‘मड़क’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
मरकज :
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पुं० [अ० मर्कजी] १. वृत्त का केन्द्र २. कोई केन्द्र स्थल; विशेषतः व्यापारिक केन्द्रस्थल। ३. राजधानी। |
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मरकजी :
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वि० [अ० मर्जज़ी] केन्द्र-सम्बन्धी। केन्द्रीय। |
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मरकट :
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पुं०=मर्कट।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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मरकत :
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पुं० [सं० मर√कतृ (तरना)+ड] पन्ना नामक रत्न।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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मरकताल :
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पुं० [देश०] समुद्र की तरंगों के उतार की सबसे अन्तिम अवस्था। भाटा की चरम जो प्रायः अमावस्या और पूर्णिमा से दो-चार दिन पहले होती है। |
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मरकना :
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वि०=मर-खाना। अ०=भड़कना। स०=भुड़काना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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मरक-विज्ञान :
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पुं० [सं० ष० त०]=महामारी विज्ञान। |
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मरकहा :
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वि० [हिं० मारना+हा (प्रत्य०)] [स्त्री० मरकही] मारनेवाला (पशु)। |
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मरकाना :
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स० [हिं० मरकना] १. दबाकर चूर करना। इतना दबाना कि मरमराहट का शब्द उत्पन्न हो। २. दे० ‘मुड़काना’। |
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मरकी :
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स्त्री० [हिं० मरना] १. मरी। महमारी। २. मृत्यु। |
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मरकूम :
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वि० [अ० मर्कम] लिखित। लिखा हुआ। |
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मरकोटी :
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स्त्री० [देश०] एक प्रकार की मिठाई। |
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