शब्द का अर्थ
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रुज :
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पुं० [सं०√रुज्+क, घञर्थ] १. टूटने या अस्थिभंग होने का भाव। २. कष्ट। वेदना। ३. क्षत। घाव। ४. प्राचीन काल का एक प्रकर का बाजा जिस पर चमड़ा मढ़ा होता था। |
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समानार्थी शब्द-
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रुजगार :
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पुं० =रोजगार। |
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रुज-ग्रस्त :
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वि० [सं० तृ० त०] रुग्ण। रोगी। |
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रुजा :
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स्त्री० [सं०√रुज्+क्विप्+टाप्] १. टूटने-फूटने या भंग होने का भाव। २. रोग। बीमारी। ३. कष्ट। पीडा। ४. कुष्ठ नामक रोग। कोढ़। ५. भेड़। |
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रुजाकर :
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वि० [सं० ष० त०] रोग उत्पन्न करने या बढ़ानेवाला। पुं० १. रोग। बीमारी। २. कमरख (फल)। |
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रुजाली :
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स्त्री० [सं० रुजा-आली, ष० त०] १. रोगों या कष्टों का समूह। २. ऐसी स्थिति जिसमें एक साथ कई रोग सता रहे हों। ३. एक पर एक अथवा एक न एक रोग लगा रहना। |
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रुजी :
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वि० [सं० रुज=रोग] रुग्ण। रोगी। |
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रुजू :
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वि० [अ० रुजूअ=प्रवृत्त] १. जिसकी तबीयत किसी ओर झुकी या लगी हो। २. जो किसी ओर प्रवृत् हो। |
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