शब्द का अर्थ
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अंगूर :
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पुं० [फा] [वि० अंगूरी] १. कश्मीर, अफगानिस्तान आदि देशों में होने वाली एक प्रसिद्ध लता जिसके मीटे छोटे फल खाये जाते हैं। किशमश, दाख, मुनक्का इसी के भेद और रूप हैं। २. उक्त लता के फल। मुहावरा—अंगूर खट्टे होना—किसी अच्छी चीज का अपनी पहुँच के बाहर होना। पद— अंगूर की टट्टी-पतली लकड़ियों की बनी हुई वह टट्टी या परदा जिस पर अंगूर की बेलें चढ़कर फैलती है। पुं० [सं० अंकुर) घाव के भरने के समय उसमें दिखाई पड़ने वाले मांस के छोटे लाल दाने। मुहावरा—अंगूर तड़कना या फटना—भरते हुए घाव पर बंधी हुई मांस की झिल्ली का तड़क या फट जाना। अँगूर बँधना=घाव के ऊपर मांस की नई झिल्ली जमना। |
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अंगूरशेफा :
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पुं० [फा०] एक प्रकार की जड़ी जो हिमालय पर होती है। |
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अँगूरिया :
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स्त्री०=अँगूरी। |
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अंगूरिया बेल :
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स्त्री०=अंगूरी बेल। |
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अंगूरी :
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वि [फा० अंगूर+ई] १. अंगूर से बना हुआ। जैसे—अंगूरी शरबत। २. अंगूर के रंग का। जैसे—अंगूरी कपड़ा। ३. अंगूर की लता की तरह का। जैसे—कपड़ों पर बनी हुई अंगूरी बेल। पद—अंगूरी बेल—कपड़ों आदि पर तागे से काढ़ी जाने या रंग से छापी जाने वाली बेल जो देखने में अंगूर की बेल जैसे होती है। |
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अंगूरी शराब :
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स्त्री० [फा०] अंगूर के रस से बनाई हुई शराब। |
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