शब्द का अर्थ
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अधि :
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उप० [सं० √धा (धारण करना) +कि,न० त०) एक संयुक्त उपसर्ग जो शब्दों के पहले लगाया जाता है और जिसके ये अर्थ होते हैं।—(क) ऊपर, ऊँचा। जैसे—अधिराज, अधिकरण। (ख) प्रधान,जैसे—अधिनायक,अधिपति। (ग) अधिक, जैसे—अधिमास। (घ) संबंध में जैसे—अध्यात्मिक। (च) साधारण अथवा या मध्यम से अधिक, जैसे—अधिप्रचार। अब यह कुछ शब्दों के आरंभ में अधिकार के वाचक और संक्षिप्त रूप की भाँति भी लगने लगा है। जैसे—अधिक्षेत्र=अधिकार क्षेत्र, अधिपत्र=अधिकार पत्र, अधिग्रहण=अधिकार पूर्वक ग्रहण आदि। स्त्री० १. चिन्ता। २. वह स्त्री० जिसका मासिक स्राव चल रहा हो |
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समानार्थी शब्द-
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अधिक :
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वि० [सं० अध्यारूढ़+कन्, आरूढ़ का लोप) १. बहुत। विशेष। २. औचित्य, सीमा आदि से बढ़ा हुआ। समधिक। (एक्सीडिग) ३.बचा हुआ। फालतू। ४. असाधारण। ५.बाद का। ६.गौण। पुं० साहित्य में एक जिसमें आधार और आधेय में से किसी एक के बहुत बड़े होने पर भी दोनों का इस प्रकार उल्लेख होता है कि वे एक दूसरे के उपयुक्त और समान ठहरते है। (एक्सीडिग) जैसे— उदर उदधि बलि बलित अधाहा। जीव जन्तु जहँ कोटि कटाहा। में शक्कर का उदर (आधार) है तो छोटा ही,पर उसमें करोड़ो ब्रह्वांडों (आधेय) के होने का उल्लेख है। |
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अधिक-कोण :
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पुं० [सं० कर्म० स०) भूमिति में वह कोण जो समकोण से बड़ा हो। (आँबट्यूज एंगिल) |
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अधिकतम :
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वि० [सं० अधिक+तपम्) १. मात्रा मान, संख्या आदि में सबसे अधिक। २. अधिक से अधिक जितना हो सकता हो। ३. दे० ‘महत्तम’। (ग्रेटेस्ट) |
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अधिकतर :
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वि० [सं० अधिक+तपम्) १. किसी वस्तु या समूह में का आधे से अधिक (अंश या भाग)। जैसे—अधिकतर लोग उठकर चले गये। २. किसी की तुलना में अधिक। जैसे—उसका रोष अधिक से अधिकतर हो गया। क्रि० वि० बहुत करके। जैसे—अधिकतर ऐसा ही होता है। |
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अधिकता :
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स्त्री० [सं० अधिक+तल्-टाप्) १. अधिक होने की अवस्था,गुण या भाव। बहुतायत। २. बढ़ती। वृद्धि। ३. विशेषता। |
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अधिक-तिथि :
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स्त्री० [सं० कर्म० स०) हिन्दू पंचांग में वह तिथि जो एक दिन में पूरी न होकर दूसरे दिन भी चले और मानी जाए। |
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अधिक-मास :
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पुं० [सं० कर्म०स०) हिन्दू पंचांग में हर चौथे वर्ष बढ़ने वाला एक चंद्र मास जो दो संक्रान्तियों के बीच में पड़ता है। लौंद का महीना। मल-मास। |
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अधि-कर :
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पुं० [सं० प्र० स०) १. कोई ऐसा कर जो विशिष्ट अवस्था में किसी लगे हुए कर के साथ अतिरिक्त रूप से अथवा और अधिक जोड़ा या लगाया लगा हो। (सरचार्ज) २. निश्चित मात्रा से अधिक आय होने पर लगनेवाला अतिरिक्त कर। (सुपरटैक्स) ३. दे० ‘अधिशुल्क’। |
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अधिकरण :
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पुं० सं० अधि√कृ (करना)+ल्युट्-अन) १. आधार। २. व्याकरण की क्रिया के आधार पर बोधक रूप संज्ञा जो सातवाँ कारक है। ३. प्रकरण। ४. न्यायालय। ५. किसी विशिष्ठ उद्वेश्य अथवा कार्य के लिए नियुक्त किया हुआ कोई न्यायालय। (ट्रिब्यूनल) ६. दर्शन के आधार का विषय। ७. सीमांसा और वेदान्त के अनुसार वह प्रकरण जिसमें विषय, संशय, पूर्वपक्ष, उत्तरपक्ष और निर्णय इन पाँच अवयवों की विवेचना की जाए। |
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अधिकरण-शुल्क :
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पुं० (ष० त०) किसी न्यायालय में कोई प्रार्थना उपस्थित करते समय स्टाम्प या अंक-पत्रक के रूप में दिया जाने वाला शुल्क या फीस। (कोर्ट फी) |
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अधिकरण-सिद्धान्त :
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पुं० (ष० त०) न्याय शास्त्र में ऐसा सिद्धान्त जिसके सिद्ध होने पर कुछ अन्य सिद्धान्त या अर्थ आप से आप सिद्ध हो जाते हों। |
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अधिकरणिक :
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पुं० [सं० अधिकरण+ठन्-इक) १. न्यायाधीश। फैसला करनेवाला। २. अधिकारी। |
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अधिकरणी (णिन्) :
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वि० [सं० अधिकरण+इनि) निरीक्षण करने वाला। पुं० १. अध्यक्ष। २. स्वामी। मालिक। |
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अधिकरण्य :
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पुं० [सं० अधिकरण) १. वह संस्था या समिति जिसे कोई कार्य करने का विशेष रूप से अधिकार प्राप्त हो। (आथॉरिटी) |
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अधिकर्म (न्) :
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पुं० [सं० प्रा० स०) १. निरीक्षण। २. [सं० ब० स०) निरीक्षक। |
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अधिकर्मिक :
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पुं० [सं० अधिकर्मन+ठन्-इक) प्राचीन भारत में, व्यापारियों से चुंगी वसूल करनेवाला एक अधिकारी। |
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अधिकर्मी (मिन्) :
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पुं० [सं० अधिकर्मन+इनि, टिलोप) कुछ लोगों के ऊपर रहकर उनके कार्यो की देखभाल करनेवाला अधिकारी। (ओवरसियर)। |
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अधिकांग :
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पुं० [सं० अधिक-अंग, कर्म० स०) नियत संख्या में विशेष अवयव। अतिरिक्त अंग। वि० जिसके शरीर में कोई अंग साधारण से अधिक न हो। |
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अधिकांश :
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पुं० [सं० अधिक-अंश, कर्म० स०) १. अधिक अंश या भाग। २. किसी वर्ग समुदाय या समूह का आधे से अधिक या बड़ा अंश या भाग। (मेजाँरिटी) जैसे—खेतिहरों का अधिकांश दरिद्र और ऋण-ग्रस्त है। क्रि० वि० १. विशेषकर। २. प्रायः। |
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अधिकाई :
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स्त्री० [सं० अधिक+हि० आई (प्रत्यय) १. अधिकता। ज्यादती। उदाहरण—लहहिं सकल शोभा अधिकाई-तुलसी। २. विशेषता। ३. बड़प्पन। बड़ाई। उदाहरण—उमा न कछु कपि की अधिकाई—तुलसी। |
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अधिकाधिक :
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वि० [सं० अधिक-अधिक पं०त०) अधिक से अधिक। बहुत ज्यादा। |
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अधिकाना :
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अ० [सं० अधिक) अधिक होना। ज्यादा होना। बढ़ना। स०अधिकता उत्पन्न करना। बढ़ाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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अधिकाभेदरूपक :
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पुं० [सं० अधिक-अभेद, कर्म० स० अधिकाभेद रूपक, ष०त०) चंद्रालोक के अनुसार रूपक अलंकार के तीन भेदों में से एक जिसमें उपमान और उपमेय में अभेद बतला चुकने पर भी उपमेय में कुछ विशेषता बतलाई जाती है। |
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अधिकार :
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पुं० [सं० अधि√कृ(करना) +घञ्) १. वस्तु, संपत्ति आदि पर होने वाला ऐसा स्वामित्व जो अपने स्वामी को उस वस्तु या संपत्ति के संबंध में सब कुछ कर सकने में समर्थ बनाता है। आधिपत्य (पजेशन) २. किसी वस्तु पर उक्त प्रकार का स्वत्व या स्वामित्व जताने की ऐसी क्रिया जिसके साथ उसकी प्राप्ति के प्रयत्न का भी भाव लगा रहता है। अध्यर्थन। (क्लेम) जैसे—वास्तविक अधिकार। (राइटफुलक्लेम) ३. वह योग्यता या सामर्थ्य जिसके अनुसार किसी में कोई विशिष्ट कार्य कर सकने का बल आता है। शक्ति (पावर) जैसे—अब राज्यपाल को और कई नये अधिकार दिये गये हैं। ४. प्रभुत्व (अथाँरिटी ५. किसी कार्य, वस्तु या विषय में किसी व्यक्ति का ऐसा पूर्ण ज्ञान जिसके आधार पर उसका कथन या विचार प्रामाणिक या मान्य माना जाता है। पूरी जानकारी। (अथाँरिटी) ६. साहित्य में किसी ग्रन्थ का कोई प्रकरण अथवा उसका शीर्षक। ७. नाट्य शास्त्र में किसी रूपक के अन्तर्गत नायक या और किसी पात्र की वह विकसित स्थिति जिसमें वह प्रधान फल प्राप्त करने के योग्य होता है। ८.पद। ९.प्रयत्न। १. स्थान। ११. राज्य। १२. ज्ञान। १३. कर्म विशेष की पात्रता। १४. वह मुख्य नियम जिसका और नियमों पर भी प्रभाव हो। (व्या०) |
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अधिकार-क्षेत्र :
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पुं० (ष० त०) १. वह या उतना क्षेत्र जिसमें या जितने में किसी विशिष्ट व्यक्ति या सत्ता का अधिकार चलता हो अथवा प्रतिफल होता हो। (डोमिनियन) २. दे० ‘अधिक्षेत्र’। |
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अधिकार-त्याग :
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पुं० [ष० त०] अपना अधिकार छोड़कर अलग हो जाना। (ऐबडिकेशन) |
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अधिकार-पत्र :
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पुं० (ष० त०) १. वह पत्र जिसमें किसी को कोई काम करने के लिए दिये गये अधिकार का उल्लेख हो। (आथॉरिटी लेटर) २. विधिक क्षेत्र में राज्य या शासन की ओर से किसी संस्था या समाज को मिलने वाले अधिकारों का सूचक पत्र। (बिल आँफ राइट्स) |
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अधिकार-विधि :
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स्त्री० (ष० त०) मीमांसा के अनुसार वह विधि जिसमें किसी व्यक्ति को कर्म विशेष करने का अधिकार ज्ञात हो। |
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अधिकार-सीमा :
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स्त्री० (ष० त०) दे० ‘अधिकार-क्षेत्र’। |
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अधिकारा :
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वि० [सं० अधिक+हिं० आरा (प्रत्यय) बहुत अधिक या बढ़ाह हुआ। उदाहरण—चढ़े त्रिपुर मारग कौं सारे। हरि हर सहित देव अधिकारे।—तुलसी। |
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अधिकारिक :
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वि० =आधिकारिक। |
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अधिकारिकी :
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स्त्री०=आधिकारिकी। |
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अधिकारिता :
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स्त्री० [सं० अदिकारिन्+तल्-टाप्) अधिकार या अधिकारी होने की अवस्था, गुण या भाव। |
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अधिकारि-राज्य :
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प० [सं० ष०त०) वह राज्य जिकी शासन-व्यवस्था मुख्य रूप से अधिकारियों की परंपरा पर आश्रित हो। (ब्यूरोक्रैसी) |
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अधिकारी (रिन्) :
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वि० [सं० अधिकार+इनि) १. अधिकार युक्त। जैसे—अधिकारी तौर पर इस बात का खंडन किया गया है। २. अधिकार संबंधी। ३. जिसे अधिकार प्राप्त हो। अधिकार रखनेवाला। ४. जिसे कुछ पाने या करने का अधिकार हो। (एंटाइटिल्ड) जैसे—वे इसका निर्णय करने के अधिकारी हैं। ५. जो किसी बात का औचित्य के विचार से उपयुक्त पात्र हो। जैसे—सम्मान का अधिकारी। ६. जो ठीक अवस्था में रहने के लिए किसी बात की अपेक्षा रखता हो। जैसे—ताड़ना का अधिकार। पुं० १. मालिक। स्वामी। २. वह व्यक्ति जिसे कोई स्वत्व प्राप्त हो। ३. वह जिसमें किसी विषय या कार्य की विशेष योग्यता या क्षमता हो। ४. वह कर्मचारी जो किसी पद पर रहकर कोई कार्य करता हो। (आँफिसर) ५. साधारणतः कोई अधिकार प्राप्त व्यक्ति। (अथाँरिटी) ६. नाटक का वह पात्र जिसे प्रधान फल प्राप्त हो। ७. वेदान्त का ज्ञान रखने वाला व्यक्ति। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिकार्थ :
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पुं० [सं० अधिक-अर्थ, ब० स०) ऐसा वाक्य या शब्द जिससे किसी पद के अर्थ में विशेषता आ जाए। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिकृत :
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वि० [सं० अधि√कृ (करना) +क्त) १. अधिकार में आया या किया हुआ। २. जो किसी के अधिकार में हो। ३. जिसे कोई काम करने का अधिकार दिया गया हो। (अँथराइज्ड) ४. जिसको कोई काम करने का अधिकार हो। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिकृत-गणक :
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पुं० (कर्म०स०) सरकार द्वारा वह प्रमाणित व्यक्ति जो हिसाब-किताब की जाँच इत्यादि का काम भली-भाँति जानता हो। (चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट) |
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समानार्थी शब्द-
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अधिकृत-लेखपाल :
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पुं० (कर्म० स०) सरकार द्वारा प्रमाणित वह व्यक्ति जो हिसाब किताब की जाँच इत्यादि का काम भली-भाँति जानता हो (चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट) |
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समानार्थी शब्द-
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अधिकृति :
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स्त्री० [सं० अधि√कृ (करना) +क्तिन्) १. अधिकृत होने की अवस्था, गुण या भाव। २. अधिकार स्वत्व। |
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अधिकोष :
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पुं० [सं० अधि√कुष् (निचोड़ना)√घञ्) दे० बंक। |
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अधिकौहाँ :
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वि० (हिं० अधिक+औहाँ (प्रत्यय) बराबर बढ़ता रहनेवाला। जो उत्तरोत्तर बढ़ रहा हो। |
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अधिक्रम :
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पुं० [सं० अधि√कम् (गति) +घञ्) १. आरोहण। २. चढ़ाई। आक्रमण। |
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अधिक्रमण :
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पुं० [सं० अधि√कम्√ल्युट्-अन) १. अधिक्रम। २. किसी व्यक्ति या संस्था को दबा या हटा देना और उसके अधिकार अपने हाथ में ले लेना या किसी दूसरे को दे देना। (सुपरसेशन) |
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समानार्थी शब्द-
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अधिक्रांत :
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वि० [सं० अधि√कम्√क्त) (भाव०अधिक्रान्ति) (संस्था या संघ) जिसे वरिष्ठ शक्ति या अधिकार के द्वारा हटा या दबाकर अपने अधिकार में ले लिया गया हो। (सुपरसीडेड) जैसे—अधिक्रांत नगरपालिका। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिक्रान्ति :
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स्त्री० [सं० अधि√कम्+क्तिन्) राज्य शासन आदि का अपनी विशिष्ट शक्ति या अधिकार के द्वारा किसी संस्था या संघ को हटा या दबाकर उसका कार्य-भार अपने ऊपर ले लेना या किसी दूसरे को दे देना। (सुपरसेशन) |
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समानार्थी शब्द-
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अधिक्षिप्त :
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भू० कृ०[सं० अधि√क्षिप् (फेंकना) +क्त) १. फेंका हुआ। २. भेजा हुआ। ३. नियत किया हुआ। ४. अपमानित। |
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समानार्थी शब्द-
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अधि-क्षेत्र :
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पुं० [सं० प्रा० स०) १. किसी के विधिक अधिकार या कार्य का क्षेत्र। (ज्यूरिसूडिक्शन) २. किसी प्रकार के कार्य, व्यवहार प्रयोग आदि का क्षेत्र। (रेंज) |
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समानार्थी शब्द-
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अधिक्षेप :
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पुं० [सं० अधि√क्षिप् (फेंकना)+घञ्) १. अलग करना। दूर हटाना। २. फेंकना। ३. तिरस्कार। ४. व्यंग्य। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिगता (तृ) :
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वि० [सं० अधि√गम् (जाना) +तृच्) १. प्राप्त करने वाला। २. सीखनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिगणन :
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पुं० [सं० अधि√गण् (गिनना) +ल्युट्-अन) १. अच्छी तरह गिनना। २. किसी चीज का अधिक दाम लगाना। ३. किसी चीज या बात को अधिक महत्त्व देना। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिगत :
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भू० कृ० [सं० अधि√गम् (जाना) +क्त) १. हाथ में आया हुआ। प्राप्त। २. जाना हुआ। ज्ञात। ३. पढ़ा हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिगम :
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पुं० [सं० अधि√गम्+अप्) १. आगे बढ़ना या ऊपर पहुँचना। २. प्राप्त करना। ३. अध्यवसाय आदि के द्वारा शिक्षा आदि में कोई योग्यता या विशेषता अर्जित तथा प्राप्त करने की क्रिया। जैसे—विद्या या संपत्ति का अधिगम। ४. इस प्रकार प्राप्त की गई योग्यता, विद्या, सिद्धि आदि। (अटेन्मेंट) ५. विधिक क्षेत्रों में किसी अभियोग या वाद की पूरी सुनवाई हो चुकने पर न्यायालय या न्यायाधीश द्वारा निकाला हुआ निष्कर्ष। (फाइंडिग) ६. दे० ‘अधिग्रहण’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिगमन :
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पुं० [सं० अधि√गम्+ल्युट्-अन) १. किसी वाक्य की पद योजना के आधार पर की जाने वाली व्याख्या या व्याकृति। २. अध्ययन। ३. आविष्कार। ४. प्राप्ति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिगम्य :
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वि० [सं० अधि√गम्√यत्) १. अधिगमन के योग्य। २. जिस तक अधिगम या पहुँच हो सके। ३. जो समझ में आ सके। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिगुण :
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वि० [सं० ब० स०) विशिष्ट गुण से युक्त। सुयोग्य। पुं० [सं० प्रा० स०) विशिष्ट गुण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिगुप्त :
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वि० [सं० अधि√गुप् (छिपाना, रक्षा करना) +क्त) १. छिपाया हुआ। २. सुरक्षित। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिग्रहण :
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पुं० [सं० अधि√ग्रह (पकड़ना लेना) +ल्युट्-अन) अधिकार या अभियाचन द्वारा किसी की संपत्ति आदि लेना। (एक्वीजिशन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिग्राहक :
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पुं० [सं० अधि√ग्रह+ण्वुल्-अक) वह व्यक्ति जो किसी वैध उपाय से किसी पर अधिकार करता हो। (एक्वायरर) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिचरण :
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पुं० [सं० अधि√चर्(गति) +ल्युट्-अन्) १. किसी के ऊपर या अंदर चलना। २. अपने अधिकार या सीमा से आगे बढ़कर चलना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिज :
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वि० [सं० अधि√जन् (जन्म लेना) +ड) १. जनमा हुआ। २. उत्तम वंश में उत्पन्न। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिजिह्व :
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पुं० [सं० ब० स०) १. एक से अधिक जीभोंवाला जीव। जैसे—साँप आदि। २. एक रोग जिसमें रक्त से मिले हुए कफ के निकलने के कारण जीभ के ऊपर सूजन हो जाती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिजिह्वा :
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स्त्री० [सं० प्रा० स०) गले का कौआ। पुं०=अधिजिह्व। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधित्यका :
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स्त्री० [सं० अधि+त्यकन्-टाप्) पहाड़ के ऊपर की समतल भूमि। उपत्यका का विपर्याय। (टेबुल लैंड) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिदंत :
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पुं० [सं० अत्या०स०) एक दाँत के ऊपर निकलनेवाला दूसरा दाँत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिदिन :
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पुं० [सं० प्रा० स०)=अधिक तिथि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधितीधिति :
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वि० [सं० ब० स०) बहुत अधिक प्रभा या किरणोंवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिदेय :
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पुं० [सं० प्रा० स०) १. वह जो साधारण से अतिरिक्त या अधिक दिशा जाने को हो। २. साधारणतः दिये जाने वाले वेतन या वृत्ति से भिन्न वह अतिरिक्त धन जो किसी को उत्साहित करने के लिए किसी काम के बदले में दिया जाए। ३. वह धन जो बीमा कराने वाला उसके बदले में बीमा मंडली को देता है। (प्रीमियम) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिदेव :
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पुं० [सं० प्रा० स०) १. इष्टदेव। २. कुलदेवता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिदैव :
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वि० [सं० प्रा० स०) दैव योग से होने वाला। दैविक। दैवी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिदैवत :
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वि० [सं० प्रा० स०) देवता-संबंधी। पुं० वह मंत्र या प्रकरण जिसमें अग्नि, वायु आदि देवताओं के नाम-कीर्तन से ब्रह्म विभूति अर्थात् सृष्टि का ज्ञान प्राप्त हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिधारण :
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पुं० [सं० प्रा० स०) किसी वस्तु का बाहरी तत्त्वों, बातों आदि को आत्मसात् करके इस प्रकार धारण करना कि वे बाहर से न निकल सकें। (आक्कल्यूजन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिनाथ :
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पुं० [सं० प्रा० स०) १. सब का स्वामी। २. प्रधान। अधिकारी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिनायक :
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पुं० [सं० प्रा० स०) (स्त्री० अधिनायिका) १. सरदार। मुखिया। २. विशेष अवस्थाओं या परिस्थितियों के लिए नियत किया हुआ सर्वप्रधान और पूर्ण अधिकार प्राप्त शासक या अधिकारी। (डिक्टेटर)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिनायक-तंत्र :
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पुं० (ष० त०) १. अधिनायक के अधीन चलनेवाला शासन-प्रबंध। २. वह राज्य जिसके सब काम केवल अदिनायक की आज्ञा से होते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिनायकी :
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स्त्री० [सं० अधिनायक) अधिनायक का कार्य या पद। वि० अधिनायक-संबंधी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिनियम :
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पुं० [सं० प्रा० स०) १. वह नियम जो किसी प्रकार की व्यवस्था या प्रबंध के लिए बना हो। (रेगुलेशन) २. वह महत्त्वपूर्ण नियम जो किसी विधान के अधीन न बना हो, फिर भी उसकी परिभाषा में आता हो। (रेगुलेशन) ३. दे० ‘विधान’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिनियमन :
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पुं० [सं० प्रा० स०) अधिनियम या विधान बनाने का काम या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिनिर्णय :
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पुं० [सं० प्रा० स०) वह निर्णय जो पंच या न्यायाधीश बनकर किया गया हो। (एडजुडिकेशन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिनिर्णयन :
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पुं० [सं० प्रा० स०,निर्√नी (ले जाना आदि) +ल्युट्-अन) किसी झगड़े या विवाद में पंच या निर्णायक बनकर उसका फैसला करना। (एडजुडिकेशन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिनिष्कासन :
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पुं० [सं० प्रा० स०) विधि आदि के आधार पर किसी को भूमि, मकान आदि से बाहर निकलना या बेदखल करना। बेदखली। (इविक्शन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिप :
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पुं० [सं० अधि√पा (रक्षा करना) +क) १. स्वामी। २. नायक। ३. राजा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिपति :
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पुं० [सं० प्रा० स०) (भाव आधिपत्य, स्त्री० अदिपत्नी) १. वह जो किसी भूखण्ड (खेत, मकान देश आदि) का स्वामी हो। २. जमीन या भू-संपत्ति का मालिक। ३. किसी चीज का मालिक। स्वामी। ४. किसी कार्य, विभाग, विषय आदि का प्रधान अधिकारी। (मास्टर) ५. आजकल न्यायालय आदि का प्रधान विचारक या कार्याधिकारी। (प्रिसाइडिंग आँफिसर)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिपत्नी :
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स्त्री० [सं० प्रा० स०) १. स्वामिनी। २. शासिका। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिपत्र :
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पुं० [सं० प्रा० स०) १. वह पत्र जिसके द्वारा किसी को कोई काम करने का अधिकार या आज्ञा दी गई हो। २. किसी को पकड़ने या उसका माल जब्त करने की न्यायालय की लिखित आज्ञा। (वारेन्ट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिपद :
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पुं० [सं० प्रा० स०) नियमावली, विधान आदि में का कोई स्वतंत्र पद या भाग। (आर्टिकल) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिपुरुष :
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पुं० [सं० प्रा० स०) १. परम पुरुष परमात्मा। २. कारखाने संस्था आदि का मालिक या सर्वप्रधान अधिकारी। (बाँस) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिप्रचार :
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पुं० [सं० प्रा० स०) वह संघठित प्रयत्न या विचार जो किसी सिद्धान्त, मत, प्रचार आदि के पोषण या प्रसार के निमित्त किया जाता है। (प्रोपैगैंडा) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिप्रचारक :
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प० [सं० प्रा० स०) किसी मत, सिद्धान्त या विचारों का संघटित रूप से प्रचार करने वाला व्यक्ति। (प्रोपैगैंडिस्ट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिप्रज :
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वि० [सं० ब० स०) बहुत अधिक बच्चे या संतान उत्पन्न करने वाला (प्राणी)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिबल :
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पुं० [सं० ब० स०) गर्भसंधि के तेरह भेदों में से एक जिसमें किसी वेश बदलते हुए व्यक्ति को देखकर धोखा खाने का उल्लेख या प्रदर्शन होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिभार :
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पुं० [सं० प्रा० स०) किसी विशिष्ट कार्य के लिए या किसी विशेष परिस्थिति में अलग से अधिक लिया जाने वाला कर या शुल्क। (सरचार्ज) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिभू :
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पुं० [सं० अधि√भू (होना) +क्विप्) १. स्वामी। प्रभु। २. श्रेष्ठ व्यक्ति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिभूत :
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वि० [सं० सहसुपा स०) भूत-संबंधी। पुं० १. ब्रह्म। २. ब्रह्म का वह मूल सूक्ष्म रूप जो सभी तत्त्वों या भूतों और प्राणियों में समान रूप से और सर्वत्र व्याप्त है। ३. सभी प्रकार के भौतिक पदार्थ और जीव-जन्तु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिभूतिक :
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वि० =आधिभौतिक। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिभोजन :
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पुं० [सं० प्रा० स०) बहुत अधिक खाना। अतिभोजन। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिभौतिक :
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वि० =आधिभौतिक। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिमंथ :
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पुं० [सं० अधि√मन्थ्(मथना) +घञ्) १. अभिष्मंद नामक नेत्र रोग। २. दे० ‘अधिमंथन’। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिमंथन :
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पुं० [सं० अधि√मन्थ्+ल्युट्-अन) यज्ञ कुंड की अग्नि उत्पन्न करने के लिए अरणी की लकड़ियों को आपस में रगड़ना। |
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समानार्थी शब्द-
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अधि-मत :
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पुं० [सं० प्रा० स०) किसी विषय से संबंध रखनेवाला। ऐसा निश्चित मत या सिद्धान्त जिसे सब लोग आदर-भाव या पूज्य-बुद्धि से मानते हों। (कैनन) जैसे—धार्मिक या नैतिक अधिमत। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिमांस :
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पुं० [सं० ब० स०] एक रोग जिसमें मसूड़े के पृष्ठभाग में या आँख के श्वेत भाग में पीड़ा और सूजन होती है। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिमात्र :
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वि० [सं० ब० स०] उचित मात्रा या मान से अधिक। बहुत ज्यादा। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिमान :
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वि० [सं० प्रा० स०] [वि० अधिमानिक, भू० कृ० अधिमानित] किसी व्यक्ति या वस्तु का वह आदर या मान जो औरों की अपेक्षा उसे अधिक अच्छा समझकर किया जाता है। किसी को औरों से अच्छा समझकर ग्रहण करना। वरीयता। (प्रिफरेंस) |
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समानार्थी शब्द-
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अधिमानिक :
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वि० [सं० अधिमान] जिसे या जिसमें (किसी को) अधिमान दिया गया हो। (प्रिफरेन्शल) |
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समानार्थी शब्द-
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अधिमानित :
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भू० कृ० [सं० अधिमान+इतच्] जो औरों से अच्छा समझकर लिया गया हो। (प्रिफर्ड) |
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समानार्थी शब्द-
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अधिमान्य :
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वि० [सं० प्रा० स०] जो अधिमान के योग्य हो। जो औरों से अच्छा होने के कारण ग्रहण किया जा सके। वरीय (प्रिफरेबुल) |
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समानार्थी शब्द-
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अधिमान्यता :
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स्त्री० [सं० अधिमान्य√तल्-टाप्]=अधिमान। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिमास :
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पुं० [सं० प्रा० स०] दे० ‘अधिकमास’। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिमित्र :
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वि० [सं० सहसुपा स०] ज्योतिष में दो परस्पर मित्र ग्रहों का योग। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिमुक्ति :
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स्त्री० [सं० अधि√मुच्(छोड़ना) +क्तिन्] १. प्रवृत्ति। झुकाव। २. विश्वास। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिमुक्तिक :
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पुं० [सं० ब० स०कप्] महाकाल (बौद्ध) |
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समानार्थी शब्द-
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अधिमुद्रण :
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पुं० [सं० प्रा० स०] १. अधिक छापना। २. किसी ग्रन्थ या सामयिक पत्र-पत्रिका में मुद्रिण लेख या प्रकरण को किसी कार्य के लिए (केवल वही अंश, लेख या प्रकरण को) छापना। (आँफ प्रिन्ट)। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिमूल्य :
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पुं० [सं० प्रा० स०] १. किसी वस्तु का साधारण से अधिक वह मूल्य आदि जो विशेष परिस्थितियों में लिया जाए। २. दे० ‘अधिभार’। |
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अधियज्ञ :
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वि० [सं० प्रा० स०] यज्ञ-संबंधी। पुं० [प्रा० स०] प्रधान यज्ञ। |
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समानार्थी शब्द-
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अधियल :
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वि० [हिं० आधा] आधी दमड़ी में मिलनेवाला अर्थात् निकम्मा और रद्दी। |
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समानार्थी शब्द-
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अधिया :
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वि० [सं० अर्द्धिका] आधा। पुं० १. आधा भाग या हिस्सा। २. गाँव में आधी पट्टी की हिस्सेदारी। ३. खेत जोतने-बोने की वह व्यवस्था जिसके अनुसार उपज का आधा भाग जमीन के मालिक को और आधा जोतने-बोनेवाले को मिलता है। |
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समानार्थी शब्द-
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अधियाचक :
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वि० [सं० प्रा० स०] अधियाचन करनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
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अधियाचन :
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पुं० [सं० प्रा० स०] किसी से कोई चीज अधिकारपूर्वक माँगना। जैसे—सदस्यों द्वारा सभा का अधिवेशन करने के लिए अधियाचन करना। (रिक्विजिशन) |
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समानार्थी शब्द-
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अधियान :
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पुं० [सं० अर्धयाया] १. गोमुखी।जपनी। २. छोटी माला। सुमिरनी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधियाना :
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सं० [हि० आधा] दो बराबर हिस्सों में बाँटना। अ०आधा बच या रह जाना। आधा होना। |
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समानार्थी शब्द-
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अधियार :
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पुं० [हिं० आधा] [स्त्री० अदियारी] १. किसी संपत्ति का आधा हिस्सा। २. आधे हिस्से का मालिक। ३. वह जमींदार या असामी जो गाँव या जोत में आधे का हिस्सेदार हो। |
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समानार्थी शब्द-
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अधियारिन :
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स्त्री० [हिं० आधा+इयारिन (प्रत्यय)] १. आधे हिस्से की हकदार स्त्री०। २. सप्तनी। सौत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधियारी :
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स्त्री० [हिं० अधियार] १. किसी अधिकार या संपत्ति में आधी हिस्सेदारी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधियुक्त :
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वि० [सं० अधि√युज् (जोड़ना)√क्त] जो वेतन मजदूरी आदि पर किसी काम में लगा हो। (एम्प्लाँयड) पुं०=अधियुक्ती। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधि-युक्ति :
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स्त्री० [सं० प्रा० स०] वेतन, मजदूरी आदि पर या जीविका-निर्वाह के लिए किसी काम में लगे रहने की अवस्था या भाव। काम पर लगा होना। (एम्प्लॉयमेंट) |
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समानार्थी शब्द-
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अधियुक्ती :
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पुं० [सं० अधियुक्त] वह जो किसी काम पर लगा हो और वेतन या पारिश्रमिक पाता हों। काम पर लगा हुआ। (एम्प्लायर) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधियोग :
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पुं० [सं० प्रा० स०] यात्रा के लिए ग्रहों का एक शुभ योग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधियोजक :
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पुं० [सं० अधि√युज्+ण्वुल्-अक]=अधियोक्ता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधियोजन :
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पुं० [सं० अधि√युज्+ल्युट्-अक] १. वेतन, मजदूरी देकर किसी को किसी काम पर लगाना या लगवाना। २. वेतन आदि पर किसी काम पर लगा रहना। (एम्प्लाँयमेंट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधियोजनालय :
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पुं० [सं० अधियोजन-आलय, ष० त०] लोगों को काम या नौकरी दिलाने में सहयता करनेवाला दफ्तर। नियोजनालय। (एम्प्लामेंट ब्यूरो) |
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समानार्थी शब्द-
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अधिरक्षी (क्षित्) :
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पुं० [सं० प्रा० स०] वह आरक्षी या पुलिस विभाग का कर्मचारी जिसके अधीन कुछ सिपाही रहते है। (हेड कांस्टेबुल) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिरथ :
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वि० [सं० अत्या० स०] रथ पर चढ़ा या बैठा हुआ। रथ पर आरूढ़। पुं० १. वह जो रथ हाँकता हो। सारथी। २. अंग देश का एक राजा जिसने कर्ण को अपने यहाँ रख कर पाला था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिराज :
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पुं० [सं० प्रा० स० टच्] सम्राट। बादशाह। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिराज्य :
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पुं० [सं० प्रा० स०] १. अधिराज या महाराज होने की अवस्था या भाव। २. आजकल, वह बड़ा राज्य जिसके अधीन कुछ हों, जो उस बड़े राज्य की आज्ञा और शासन में रहते हों। साम्राज्य। ३. ऐसी प्रधान और बड़ी सत्ता जिसके अधीन छोटी-छोटी सत्ताएँ हों। (सॉवरैनिटी) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिराट् :
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पुं० [सं० प्रा० स०] १. वह जो किसी अधिराज्य का प्रधान शासक और स्वामी हो। २. वह जिसकी प्रमुख सत्ता औरों पर अधिष्ठित या विद्यमान हो। (सॉवरेन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिरात :
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स्त्री० (हिं० आधी+रात) आधी रात।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिरूढ़ :
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वि० [सं० अधि√रूह् (चढ़ना, प्रादुर्भाव) +क्त) १. चढ़ा हुआ। २. बढ़ा हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिरूप :
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पुं० [सं० प्रा० स०) किसी चीज या बात का वह रूप जो वास्तविक से बहुत अधिक बढ़ाकर प्रस्तुत किया हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिरूपण :
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पुं० [सं० अधि√रूप+णिक्+ल्युट्-अन) कृत्रिम उपाय से किसी चीज या बात का वास्तविक से बहुत कुछ बढ़ा हुआ रूप प्रस्तुत करना। (मैग्निफिकेशन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिरोप :
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पुं० [सं० अधि√रूह्+णिच्, पुक्+घञ्) किसी पर अपराध का आरोप। अभियोग या दोष लगाया जाना। (चार्ज) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिरोपण :
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पुं० [सं० अधि√रूह्+णिच्,पुक्+ल्युट्-अन) दे० ‘अधिरोप’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिरोपित :
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भू० कृ०[सं० अधि√रूह्+णिच्-पुक्+क्त) १. जिसपर अपराध आदि का अधिरोप हुआ हो। (चार्ज्ड) २. (अपराध) जिसका अधिरोप किया गया हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिरोह :
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पुं० [सं० अधि√रूह्+घञ्) १. हाथी,घोड़ें आदि पर चढ़ना। २. सवार होना। ३. सीढ़ी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिरोहण :
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पुं० [सं० अधि√रूह्+ल्युट्-अन) १. ऊपर चढ़ना। २. सवार होना। ३. धनुष पर प्रत्यंचा या चिल्ला चढ़ाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिरोहणी :
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स्त्री०=अधिरोहिणी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिरोहिणी :
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स्त्री० [सं० अधिरोह+इनि, डीष्) सीढ़ी। जीना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिरोही (हिन्) :
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वि० [सं० अधिरोह+इनि) अधिरोहण करने या चढ़नेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिलंबन :
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पुं० [सं० अधि√लंब्+णिच्-अन) (भू०कृ०अधिलंबित) १. कोई काम चीज या बात आवश्यकता से बहुत अधिक बढ़ाना। २. जानबूझकर देर लगाने के उद्देश्य से किसी काम या बात में अनावश्यक रूप से अधिक समय लगाना। (प्रोट्रैक्शन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिलाभ :
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पुं० [सं० प्रा० स०) १. अतिरिक्त या विशिष्ट रूप से होनेवाला अधिक लाभ। २. उद्योग-धंधों या व्यापार में यथेष्ट लाभ होने पर उस लाभ का वह अंश जो उसके हिस्सेदारों को उनके लाभांश के अतिरिक्त अथवा कर्मचारियों को वेतन आदि के अतिरिक्त (प्रसन्न या सतुष्ठ करने के लिए) दिया जाता है। (बोनस) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिलाभांश :
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पुं० [सं० अधिलाभ-अंश, ष० त०) १. अधिलाभ का अंश जो दिया जाए या मिले। २. दे० अधिलाभ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिलोक :
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पुं० [सं० प्रा० स०) १. संसार। २. ब्रह्माण्ड। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिवक्ता (क्तृ) :
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पुं० [सं० अधि√वच् (बोलना) +तृच्) १. न्यायालय आदि में किसी पक्ष का समर्थन करनेवाला। वकील। २. वक्ता। ३. अभिभाषक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिवचन :
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पुं० [सं० अधि√वच्+ल्युट्-अन) १. बढ़ा-चढ़ाकर कही हुई बात। अत्युक्ति। २. किसी के पक्ष का समर्थन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिवर्ष :
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पुं० [सं० प्रा० स०) १. वह चांद्र वर्ष जिसमें मलमास पड़ता हो। २. वह ईसवीं सन् जिसमें फरवरी २९ दिन का हो। ३. वह सौर वर्ष जिसमें फाल्गुन ३१ दिन का हो। (लीप ईयर) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिवसित :
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भू० कृ० [सं० अध्युषित) आबाद। बसा हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिवाचन :
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पुं० [सं० अधि√वच्+णिच्+ल्युट्-अन) निर्वाचन। चुनाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिवास :
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पुं० [सं० अधि√वस् (बसना) +घञ्) १. रहने का स्थान। २. एक देश से चलकर दूसरे देश में इस प्रकार बस जाना कि उसकी नागरिकता के अधिकार प्राप्त हो जाएँ। (डोमिसाइल) ३. सुगंध। ४. चादर का दुपट्टा। ५. विवाह के पहले तेल, हल्दी चढ़ाने की एक रीति। ६. सुगंधित उबटन। ७. दूसरे के घर जाकर रहना। ८. हठ। ९. यज्ञारंभ के पहले देवता का आवाहन, पूजन आदि। १॰. लबादा। ११. निवासी। १२. पड़ोसी। १३. ऊपर रहनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिवासन :
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पुं० [सं० अधि√वस्+णिच्+ल्युट्-अन) १. सुगंधित करना। २. यज्ञ के आरंभ आदि में देवता का आवाहन पूजन आदि करना। ३. मूर्ति में देवता की प्राण-प्रतिष्ठा करना। ४. धरना देना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिवासित :
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भू० कृ० [सं० अधि√वस्+णिच्+क्त) १. सुगंधित किया हुआ। बसाया हुआ। २. (मूर्ति) जिसकी प्राण-प्रतिष्ठा हो चुकी हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिवासी (सिन्) :
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वि० [सं० अधि+वस्+णिनि) १. निवासी। २. दूसरे देश में जाकर बसा हुआ। (डोमिसाइल्ड) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिविकर्ष :
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पुं० [सं० प्रा० स०) किसी खाते में जितना धन जमा या प्राप्त हो उससे अधिक निकालना, माँगना या लेना। (ओवरड्राफ्ट। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिवृद्ध :
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वि० [सं० प्रा० स०) जो उचित मात्रा या सीमा से आगे बढ़कर होनेवाली निष्प्रयोजन वृद्धि। (आउट-ग्रोन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिवृद्धि :
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स्त्री० [सं० प्रा० स०) आवश्यक और उचित मात्रा या सीमा से आगे बढ़कर होनेवाली निष्प्रयोजन वृद्धि। (आउट-ग्रोथ) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिवेता (तृ) :
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पुं० [सं० अधि√विद्+ (लाभ) +तृच्) एक स्त्री० के रहते दूसरा विवाह करनेवाला व्यक्ति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिवेद :
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पुं० [सं० अधि√विद्+घञ्) दे० ‘अधिवेदन’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिवेदन :
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पुं० [सं० अधि√विद्+ल्युट्-अन) एक स्त्री० के रहते दूसरा विवाह करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिवेशन :
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पुं० [सं० अधि√विश् (घुसना बैठना) +ल्युट्-अन) १. बहुत से लोगों का इकट्ठे होकर बैठना। २. किसी बड़ी सभा या महासभा की लगातार होनेवाली बैठकों का सामूहिक नाम। (सेशन) जैसे—राष्ट्रीय महासभा का अगला अधिवेशन कलकत्ते में होगा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिशय :
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पुं० [सं० अधि√शी (सोना) +अच्) १. पीछे मिलाई या दी जाने वाली वस्तु। २. जोड़। योग। ३. लेटना या सोना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिशयन :
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पुं० [सं० अधि√शी+ल्युट्-अन) लेटना या सोना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिशस्त :
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वि० [सं० अधि√शंस्(कहना) +क्त) जिसकी कुख्यात हुई हो। बदनाम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिशिक्षक :
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पुं० [सं० प्रा० स०) कुछ शिक्षण संस्थाओं में उसका सर्वप्रधान अधिकारी या मुख्य अधिष्ठाता। (रेक्टर) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिशुल्क :
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पुं० (स०प्रा० स०) विशेष परिस्थिति में लिया जानेवाला अतिरिक्त शुल्क। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिशोषण :
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पुं० [सं० प्रा० स०) (भूं० कृ० अधिशोषित) घन पदार्थों का बाहरी गैसों या बातों को इतना अधिक सीख लेना कि उनके तलों पर उन गैसों के कण दानों के रूप में जम जाएँ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिश्रय :
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पुं० [सं० अधि√श्रि (सेवा) +अच्) १. आधार। २. पात्र। ३. चूल्हे आदि पर चढ़ाने की क्रिया या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिश्रयण :
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पुं० [सं० अधि√श्रि+ल्युट्अन) १. आग पर चढ़ाना या रखना। २. अँगीठी या चूल्हा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिश्राम :
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पुं० [सं० अधि√श्रम्+घञ्) नियमित रूप से सबको (कुछ विशिष्ठ अवसरों पर) मिलनेवाली ऐसी लंबी छुट्टी जिसमें सब काम बंद रहते हैं। (वैकेशन) जैसे—गरमी के दिनों में न्यायालयों में एक महीने का (अथवा विद्यालयों में दो महीने का) अधिश्राम होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिश्रावक :
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पुं० [सं० अधि√श्रु(सुनना) +णिच्+ल्युट्-अक) एक प्रकार का यंत्र जिसकी सहायता से साधारण या सूक्ष्म शब्द भी अधिक जोर से और दूर तक सुनाई पड़ते हैं। (माइक्रोफोन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिश्रित :
|
भू० कृ० [सं० अधि√श्रि+क्त) १. आग पर चढ़ाया या रखा हुआ। २. किसी पर चढ़ा हुआ। आरूढ़। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिष्ठाता (तृ) :
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पुं० [सं० अधि√स्था (ठहरना) +तृच्) १. किसी कार्य की देखभाल करने वाला व्यक्ति। २. मुखिया। ३. अध्यक्ष। मालिक। स्वामी। ४. ईश्वर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिष्ठान :
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पुं० [सं० अधि√स्था+ल्युट्-अन) १. वास स्थान। रहने का स्थान। २. नगर। ३. पड़ाव। ४. वह वस्तु जो किसी आरोपित तत्त्व या धर्म का आधार हो। जैसे—यदि रज्जु में सर्प का या सीपी में चाँदी का आरोप या भ्रम हो तो रज्ज या सीपी अधिष्ठान मानी जाएगी। ५. संस्था। ६. किसी संस्था के अधिकारियों और कार्य-कर्ताओं का वर्ग या समूह। (एस्टैब्लिश्मेन्ट) ७. शासन और उसके नियम, व्यवस्था आदि। ८. किसी वस्तु में स्वामित्व आदि का अधिकार प्राप्त होना अथवा ऐसा अधिकार किसी को दिया जाना। (वेस्टिंग) ९. लाभ आदि के लिए व्यापार में धन लगाना। (इन्वेस्टमेन्ट) १. गच जिसपर खंभा या पाया आदि बनाया जाए (वास्तु) ११. सांख्य में, भोक्ता और भोग (आत्मा, देह, इन्द्रिय-विषय) का संयोग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिष्ठान-शरीर :
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पुं० (ष० त०) वह सूक्ष्म शरीर जो मरण के उपरान्त जीव को मिलता है। प्रेत शरीर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिष्ठापक :
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पुं० [सं० अधि√स्था+ण्वुल-अक, पुक्) १. वह जो शासन व्यवस्था या प्रबंध करता हो। २. दे० अधिष्ठता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिष्ठित :
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भू० कृ० [सं० अधि√स्था√क्त) १. ठहरा हुआ। स्थित। २. स्थापित। ३. अधिकृत। ४. नियोजित। ५. (अधिकार या स्वत्व) जो किसी में स्थापित हो या किया गया हो। ६. (पूँजी या धन) जो व्यापार संपत्ति आदि में लगा या लगाया गया हो। (वेस्टेड, अंतिम दोनों अर्थों के लिए)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिष्ठित-स्वार्थ :
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पुं० [सं० कर्म० स०) वह स्वार्थ जो कहीं धन व्यय करके या व्यापार आदि में लगाकर स्थापित किय़ा जाए। (वेस्टेड इन्टरेस्ट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिसंख्य :
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वि० [सं० प्रा० ब०) जो उचित, नियत, प्रख्यापित या विहित संख्या से अधिक और अतिरिक्त हो। (सुपर न्यूमरेरी) जैसे—(क) हाथ की छठी उँगली अधिस्ख्य होती है। (ख) शिक्षाविभाग में आजकल ३॰॰ अधिसंख्य अधिकारी लगे हुए हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिसूजन :
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पुं० [सं० अधि√सूच् (जताना) +णिच्+ल्युट्-अन) लेख विज्ञापन आदि के द्वारा किसी काम या बात की ओर विशिष्ट रूप से लोगों का ध्यान आकृष्ट करना। विशेष रूप से सूचना देना। (नोटोफिकेशन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिसूचना :
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स्त्री० [सं० अधि√सूच्+णिच्+युच्-अन-टाप्) किसी बात की ओर से विशिष्ट रूप से ध्यान आकृष्ट करने के लिए किसी को दी जाने वाली सूचना। (नोटिपिकेशन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अधिस्वर :
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पुं० [सं० प्रा० स०) बहुत अधिक या ऊँचा स्वर उत्पन्न करने की क्रिया या भाव। (ओवरटोन)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |