शब्द का अर्थ
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अपवर्त्त :
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पुं० [सं० अप√वृत् (बरतना)+णिच्+घञ्] १. अलग या दूर करना। हटाना। २. दे० ‘समापवर्त्तक’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अपवर्त्तक :
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वि० [अप√वृत् +णिच्+ण्वुल्-अक] अपवर्त्तन करनेवाला। पुं० गणित में, ऐसी राशि या राशियाँ जिनसे किसी बड़ी राशि को भाग देने पर शेष कुछ न बचे। सामान्य विभाजक। (फैक्टर) जैसे—१२ को २, ३, ४, या ६ से भाग देने पर शेष कुछ नहीं बचता। अतः २, ३, ४ और ६ सभी १२ के अपवर्त्तक हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अपवर्त्तन :
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पुं० [सं० अप√वृत्+णिच्+ ल्युट्-अन] १. किसी में से कुछ निकाल या ले लेना। २. कहीं से हटाना। अलग या दूर करना। ३. न होने के समान करना। रद्द करना। ४. गणित में, राशियों या संख्याओं का अपवर्त्त या समापवर्त्तक निकालना। जैसे—३६/२४ में के ३६ और २४ दोनों को १२ से भाग देकर ३/२ रूप में लाना। (कैन्सलेशन ऑफ कॉमन फैक्टर) |
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समानार्थी शब्द-
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अपवर्त्तित :
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भू० कृ० [सं० अप√वृत्+णिच्+क्त] १. जिसका अपवर्तन हुआ हो या किया गया हो। २. अंदर की ओर घूमा, बढ़ा या मुड़ा हुआ। (इन्वर्टेड) |
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