शब्द का अर्थ
|
खट्वांग :
|
पुं० [सं० खट्वा-अंग, ष० त०] १. चारपाई के अंग; जैसे–पाटी, पावा आदि। २. शिव का एक अस्त्र। ३. प्रायश्चित्त के दिनों में भिक्षा माँगने का एक प्रकार का पात्र। ४. तन्त्र के अनुसार एक प्रकार की मुद्रा जिससे देवता बहुत प्रसन्न होते हैं। ५. साधुओं की वह लकड़ी जिसपर हाथ रखकर वे बैठते हैं। अधारी। टेकनी। ६. राजा दिलीप का एक नाम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
खट्वांग-धर :
|
पुं० [ष० त०] शिव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
खट्वांगी (गिन्) :
|
पुं० [खट्वांग इनि] शिव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
खट्वा :
|
स्त्री० [सं०√खट्(चाहना)+क्वन्, टाप्] खाट जिसपर सोते हैं। चारपाई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
खट्वाका :
|
स्त्री० [सं० खट्वा+कन्+टाप्] छोटी खाट। खटिया। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |