शब्द का अर्थ
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घटि :
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वि० [हिं० घटना] किसी की तुलना में घटिया या कम। क्रि० वि०=घटकर। स्त्री०=घटी(कमी) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
घटिक :
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पुं० [सं० घट+ठन्-इक] वह व्यक्ति जो विशिष्ट समयों पर लोगों को जानकारी के लिए घंटे बजाता हो। |
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घटिका :
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स्त्री० [सं०√घट्+णिच्+ण्वुल्-अक, टाप्, इत्व] समय का मान बतलानेवाला कोई छोटा यंत्र। घड़ी। २. समय का एक मान जो आज-कल के २४ मिनटों के बराबर होता है। ३. [घट्+ङीपकन्-टाप्,ह्रस्व] छोटा घड़ा। गगरी। |
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घटिका-यंत्र :
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पुं० [ष० त०]=घटी यंत्र। |
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घटिकावधान :
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पुं० [घटिका-अवधान, ब० स०] घड़ी भर में ही बहुत से काम एक साथ कर डालने की कला, विद्या अथवा शक्ति। |
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घटिकाशतक :
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पुं० [ब० स०] १. वह व्यक्ति जो घड़ी भर में सौ अर्थात् बहुत से काम कर सकता हो। २. वह जो घड़ी भर में सौ श्लोक या पद्य बना सकता हो। |
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घटित :
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भू० कृ० [सं०√घट्+णिच्+क्त] १. जो घटना के रूप में उपस्थित या वर्तमान हुआ हो। २. अर्थ आदि के विचार से ठीक या पूरा उतरा हुआ। घटा हुआ। ३. जो गढ़कर अथवा और किसी रूप में बनाया गया हो अथवा किसी रूप में बना हो। निर्मित। रचित। |
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घटिताई :
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स्त्री० [हिं० घटित] घटित होने की अवस्था या भाव। स्त्री० [हिं० घटना=कम होना] १. कमी। न्यूनता। उदाहरण–इनहूँ में घटिताई कीन्हीं।–सूर। २. त्रुटि।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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घटिया :
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वि० [हिं० घट+इया(प्र्तयय)] १. जो औरों की तुलना में घटकर अर्थात् खराब या हीन हो। २. जो गुण, धर्म आदि की दृष्टि से प्रसम या मानक स्तर से घटकर हो। जैसे–घटिया कपड़ा, घटिया पुस्तक। ‘बढ़िया’ का विपर्याय। ३. अधम। नीच। |
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घटियारी :
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स्त्री० [देश०] एक प्रकार की घास जिसे खवी भी कहते हैं। इसमें अदरक की-सी महक होती है। |
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घटिहा :
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वि० [हिं० घात+हा (प्रत्यय)] १. घात या धोखे-बाजी करनेवाला। २. घात पाकर अपना स्वार्थ साधनेवाला। ३. चालाक। धूर्त। ४. दुष्ट और लंपट या व्यभिचारी। ५. नीच। वाहियात। |
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